मध्यप्रदेश में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा की शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के बाद कांग्रेस की शिकायत पर हुई एफआईआर को लेकर भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदेश संगठन से खफा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश के नेताओं से इस बारे में जानकारी ली और सवाल-जबाब कर डाले।
मध्यप्रदेश में भाजपा ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को मीडिया की कमान सौंपी है। पात्रा को राजधानी भोपाल में शनिवार को सड़क पर पत्रकार वार्ता करना महंगा पड़ गया। पात्रा जब नेशलन हेराल्ड को लेकर सवाल उठा रहे थे, तभी पत्रकारों ने उन्हें घेरा और जिस बिल्ंिडग के निर्माण की बात वे कर रहे थे, उसके निर्माण को लेकर भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्वीकृति देने की बात कही और सवाल दागे।
इस बीच पात्रा असहज हुए और पत्रकार वार्ता छोड़कर चले गए।दूसरी ओर पात्रा की इस पत्रकार वार्ता को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग को शिकायत की कि पात्रा ने बिना अनुमति के सड़क पर पत्रकार वार्ता की। कांग्रेस की शिकायत पर आयोग ने जांच कराई और मामले में दोषी पाए जाने पर पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का फैसला सुनाया।
पात्रा के साथ हुई इस कार्यवाही की जानकारी जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को मिली जो वे खफा हो गए। उन्होंने प्रदेश मीडिया प्रभारी सहित अन्य नेताओं से चर्चा की और नाराजगी जताई। सूत्रों के अनुसार प्रदेश के कुछ नेताओं ने यह जानकारी शाह को दी कि सरकार ने जिन पत्रकारों को लाभांवित किया वे ही पत्रकार इस तरह के सवाल दाग रहे थे।
राष्ट्रीय नेताओं को कमान देने से प्रदेश के नेता भी हैं खफा
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की कमान राष्ट्रीय नेताओं को दिए जाने से प्रदेश के नेता और पदाधिकारी भी खफा है। शाह के कहने पर केन्द्रीय मंत्री प्रधान को प्रदेश प्रभारी बनाया गया है। जबकि मीडिया की जिम्मेदारी संबित पात्रा सहित उत्तरप्रदेश के मीडिया से जुड़े पदाधिकारियों को सौंपी है। इससे प्रदेश के नेता अपने को उपेक्षित मान रहे हैं। एक नेता ने तो बीते दिनों मीडिया कार्यशाला में संबित पात्रा की उपस्थित में यहां तक कह दिया था कि ‘आप मेहमान हैं, मेहमान की तरह रहें’ भाजपा के मध्यप्रदेश संगठन और मीडिया विभाग की कार्यशैली का उदाहरण वरिष्ठत नेता देश के अन्य राज्यों में देते रहे हैं।