मध्य प्रदेश चुनावः इन 82 सीटों पर है मायावती की नजर, बीजेपी-कांग्रेस के लिए है आफत

By जनार्दन पाण्डेय | Updated: October 24, 2018 15:04 IST2018-10-24T07:22:04+5:302018-10-24T15:04:51+5:30

Madhya Pradesh election 2018: एक दो नहीं बहुजन समाज पार्टी करीब 50 सीटों पर नंबर तीन पार्टी रही थी।

Madhya Pradesh election 2018: What mayawati future in MP | मध्य प्रदेश चुनावः इन 82 सीटों पर है मायावती की नजर, बीजेपी-कांग्रेस के लिए है आफत

मायावती (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटों के लिए आगामी 28 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होंगे। इससे पहले बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती की 12 जनसभायें होंगी।

इनकी शुरुआत दो नवंबर से होगी। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश की चुनावरी प्रक्रिया भी दो नवंबर से ही शुरू हो रही है। 2 नवंबर से ही नामांकन शुरू हो जाएंगे और बहुजन समाजपार्टी प्रदेश में बिना किसी गठबंधन के सभी 230 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर चुकी है।

इसका आधार विधानसभा चुनाव 2013 में तीसरे नंबर आना या यह मानसिकता हो सकती है कि फिलहाल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के विकल्प के तौर पर अगर कहीं कोई उम्मीद है तो वह बहुजन समाज पार्टी ही है।

इसीलिए मायावती ने आगमी पांच राज्यों के चुनावों ने मायावती ने मध्य प्रदेश पर खास खयाल रखा है। फिलहाल रैलियों के स्थान और तारीख को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है।

लेकिन मायावती ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ न जाकर खुद सभी सीटों पर चुनाव लड़कर एक जाहिर करना चाहती है कि पार्टी की मध्य प्रदेश को लेकर महत्वकांक्षाएं हैं।

82 आरक्षित सीटों पर नजर गड़ाए बैठी है बीएसपी

मध्य प्रदेश की कुल 230 सीटों में 148 सीटें सामान्य हैं। जबकि 35 अनुसूचित जाति के आरक्षित हैं और 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। ऐसे मायावती और उनकी पार्टी के समर्थक अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की 82 सीटों पर पूरे दमखम के साथ चुनाव प्रचार में लगे हैं।

मायावती खुले तौर अनुसूचित जाति और दबे-कुचैलों की राजनीति करने की पक्षधर हैं। ऐसे में इन 82 सीटों पर बीएसपी भले जिताऊं उम्मीदवार ना खड़े पाए लेकिन ऐसे प्रत्याशी मैदान में उतार ले गई जो निर्णायक वोट खींचने में सफल हो गए तो प्रदेश की राजनीति का सिरा ही बदल जाएगा।

2013 में बीएसपी ने जीती थी 4 सीटें

साल 2013 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुल 66 पार्टियों ने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। जबकि निर्दलीय और नोटा को जोड़ दें तो मतदाताओं के पास कुल 68 विकल्प थे, लेकिन मतदाताओं ने तीसरी बार शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी को बहुमत से जिताया। बीजेपी ने कुल 165 सीटों पर धुआंधार जीत दर्ज की थी।

इसके बाद नंबर था कांग्रेस का, जिसे कुल 58 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन 66 पार्टियों में अगर इन दो पार्टियों के अलावा किसी पार्टी के उम्मीदवार जीत दर्ज करने में सफल हुए तो वो बीएसपी है। बीएसपी को तब कुल 4 सीटों पर जीत मिली थी। इसके अलावा 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीत थे।

50 से ज्यादा सीटों पर तीसरे नंबर पर रही थी बीएसपी

साल 2013 के चुनाव में बीएसपी की भले ही 194 सीटों पर जमानत जब्त हो गई हो, पर 50 से ज्यादा सीटों पर बीएसपी तीसरे नंबर काबिज थी। जबकि करीब 100 सीटों पर टॉप 5 पार्टी  में शामिल थी।

ऐसे में जिन सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों में जीत-हार का अंतर कम होगा, वहां बीएसपी उम्मदवार कुछ वोट निकालने में सफल हुआ तो बाजी चित से पट और पट से चित हो सकती है।

बीजेपी से ज्यादा माइक्रामैनेजमेंट

बीएसपी के पास मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की तुलना में कार्यकर्ताओं की संख्या कम है। लेकिन मायावती का माइक्रो मैनजेमेंट सिस्‍ट तगड़ा है। पार्टी सोशल मीडिया से लोगों लुभाने के बजाए लोगों से सीधे सम्पर्क में विश्वास रखती है।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव बसपा प्रभारी राम आंचल राजभर ने बताया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ चुनाव लड़ने में सीाटों को लेकर बहुत उलझन होने के चलते वे अकेले चुनाव लड़नके लिए उतरेंगे।

बीएसपी ने मध्य प्रदेश चुनाव से पहले अभी तक बीएसपी कुल 22 विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवारों की घोषण कर चुके हैं। इनमें बीएसपी के तीन विधायकों को दोबारा टिकट मिलने की बात पक्की हो चुकी है।

Web Title: Madhya Pradesh election 2018: What mayawati future in MP

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