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मध्यप्रदेश की झाबुआ विधानसभा सीट पर टिकी सबकी नजरें, सांसद बने जी.एस.डामोर छोड़ेंगे विधायकी

By राजेंद्र पाराशर | Updated: June 4, 2019 20:22 IST

भाजपा नेताओं द्वारा कई बार संख्याबल के आधार पर कांग्रेस सरकार को गिराने की बात कही जाती रही, मगर अब रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र हाल ही में सांसद बने जी.एस.डामोर ने यह तय किया है कि वे विधायक पद से इस्तीफा देंगे.

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ठळक मुद्देडामोर के विधायक पद से इस्तीफा देने से झाबुआ में उपचुनाव की स्थिति निर्मित हो जाएगी.वर्तमान में कांग्रेस के 114 विधायकों के अलावा कांग्रेस को बसपा के 2, सपा के 1 और 4 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला हुआ है.

मध्यप्रदेश में रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट से सांसद चुने गए जी.एस. डामोर विधायक पद से इस्तीफा देंगे. भाजपा ने आज यह फैसला ले लिया है. भाजपा के इस फैसले की पुष्टि खुद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने की है. डामोर के विधायक पद से इस्तीफे देने की खबर कांग्रेस के लिए राहत भरी है. कांग्रेस अब मजबूत स्थिति में आ जाएगी, वहीं झाबुआ में उपचुनाव होना निश्चित हो गया है.

भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकार को दी जा रही लगातार चुनौती के बाद आज डामोर के इस फैसले ने कांग्रेस को राहत दी है. भाजपा नेताओं द्वारा कई बार संख्याबल के आधार पर कांग्रेस सरकार को गिराने की बात कही जाती रही, मगर अब रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र हाल ही में सांसद बने जी.एस.डामोर ने यह तय किया है कि वे विधायक पद से इस्तीफा देंगे.

सूत्रों के मुताबिक डामोर दिल्ली गए हुए थे. वहां पार्टी आलाकमान से बात करने के बाद यह फैसला लिया गया है. नियम के मुताबिक किसी दूसरे पद पर चुने जाने के 14 दिन के भीतर डामोर को किसी एक पद से इस्तीफा देने था. डामोर द्वारा इस्तीफा देने के फैसले की आज प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने पुष्टि की है. राकेश सिंह ने कहा डामोर विधायक पद से इस्तीफा देंगे, यह फैसला संगठन ने लिया है. डामोर के इस्तीफा दिए जाने की स्थिति में भाजपा का एक विधायक कम हो जाएगा.

डामोर के विधायक पद से इस्तीफा देने से झाबुआ में उपचुनाव की स्थिति निर्मित हो जाएगी. इस स्थिति में जरुरी नहीं की भाजपा को ही यहां पर जीत मिले. अगर भाजपा यहां उपचुनाव हारती है तो उसका एक विधायक कम हो जाएगा और उसकी संख्या घटकर 109 के स्थान पर 108 हो जाएगी. वहीं कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 से बढ़कर 115 हो जाएगी. इस स्थिति में कांग्रेस मजबूत होगी. उसे बहुमत के 116 के आंकड़े को पाने के लिए केवल 1 विधायक की आवश्यकता होगी. वैसे कांग्रेस के लिए छह माह तक जब तक उपचुनाव नहीं होता है तब तक कोई चुनौती नहीं है. वर्तमान में कांग्रेस के 114 विधायकों के अलावा कांग्रेस को बसपा के 2, सपा के 1 और 4 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला हुआ है. 

टॅग्स :मध्य प्रदेशकांग्रेसभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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