मध्यप्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद का संभालते ही किसानों के कर्ज माफ करने वाली फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने इसकी तस्वीर भी शेयर की है। कमलनाथ ने आज( 12 दिसम्बर) को भोपाल के जम्बूरी मैदान में शपथ ग्रहण ली है।
कमलनाथ ने पदभार संभालने के बाद कहा, 'पहली फाइल जिसपर मैंने दस्तखत किए वह किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने की थी, जैसा कि मैंने किसानों से वादा किया था। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, 'जब सरकारी बैंक उद्योगपतियों का 50-50 फीसदी कर्ज माफ कर देते हैं तो उन्हें कोई तकलीफ नहीं होती लेकिन जब किसानों की बात आती है जो उनके पेट में दर्द होने लगता है।'
भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के कई दिग्गज नेता जुटे थे। जिसमें नेशनल कांफ्रेस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी चीफ शरद पवार, नवजोत सिंह सिद्धू , राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, टीडीपी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्र शिवराज सिंह चौहन भी मौजूद हैं। लेकिन वहीं बसपा सुप्रीमों मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए। यहां तक की इस समारोह में ममता बनर्जी भी किसी नीजि समस्याओं की वजह से नहीं पहुंच सकी थी।
इधर एक तरफ जहां कमलनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ आम आदमी पार्टी उनके सीएम बनने का विरोध कर रहे थे। बीजेपी और आप पार्टा का कहना है कि कमलनाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहिए। 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के मामले में सज्जन कुमार को सोमवार को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका बताते हुए बीजेपी और आप पार्टी ने कहा है कि इस पार्टी को इसी नरसंहार के आरोपी कमलनाथ के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए और कमलनाथ को एमपी का सीएम नहीं बनाना चाहिए।