भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के महासचिव कैशाल विजयवर्गीय के बेटे और इंदौर-3 से पार्टी के विधायक आकाश विजयवर्गीय ने बुधवार (26 जून) को क्रिकेट बल्ले से निगम अधिकारी को पीटा। इस दौरान जमकर हंगामा बरपा। वहीं, जिस जिस समय निगम अधिकारी पर आकाश ने बल्ला चलाया उस समय सूबे की पुलिस भी वहां मौजूद थी।
इंदौर नगर निगम के अधिकारी की बल्ले से पिटाई पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक आकाश विजयवर्गीय को मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आकाश विजयवर्गीय के साथ ही 10 अन्य लोगों के FIR दर्ज हुई है। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 294, 323 506, 147, 148 के तहत एफआईआर दर्ज हुई है।
आकाश विजयवर्गीय भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के महासचिव और दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं। वहीं इस पूरे मामले पर आकाश विजयवर्गीय को अफसोस नहीं है। आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है, हम इस तरह भ्रष्टाचार और गुंडई को खत्म करेंगे. 'आवेदन, निवेदन और फिर दना दन' के तहत हम अब कार्रवाई करेंगे।
बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि निगम के अधिकारी ने महिलाओं को घसीटकर घरों से बाहर निकाला था। महिला पुलिस को उनके साथ होना चाहिए था. जब मैं वहां पहुंचा तो लोग गुस्से में थे और अधिकारी को भगा रहे थे। मैं अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने जा रहा हूं।
दरअसल, मामला यह है कि नगर निगम बुधवार को गंजी कंपाउंड स्थित एक अति खतरनाक मकान को तोड़ने पहुंची थी। इस दौरान निगम के अधिकारी मौजूद थे। इसी बीच बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय वहां पहुंच गए और निगम की टीम को धमकाने लग गए। देखते ही देखते निगम कर्मचारियों और विधायक के बीच में विवाद बढ़ गया।
मिली जानकारी के अनुसार, आकाश विधायक ने पुलिस की मौजूदगी में निगम कर्मचारियों को धमकाते हुए कहा कि यहां से 10 मिनट में निकल जाओ वर्ना जो होगा उसके लिए आप लोगों की जिम्मेदारी इसके बाद उनका एकदम पारा चढ़ गया और निगम अधिकारियों पर क्रिकेट का बल्ला लेकर टूट पड़े। देखते ही देखते निगम अधिकारी को बल्ले से पीट दिया और पुलिस बीच-बचाव करने पहुंची, लेकिन आकाश का गुस्सा काबू से बाहर था।
मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि विधायक आकाश विजयवर्गीय और उनके समर्थक एमजी रोड थाने पर पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने जमकर हंगामा बरपाया। वहीं, भाजपा विधायक रमेश मेंदोला भी थाने पहुंचे। बीजेपी कार्यकर्तायों ने थाने के सामने मांग की है कि निगम अधिकारियों के खिलाफ जांच की जाए।