लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के बाहर एक बच्चे पर ब्लीच और पानी का कीटाणुनाशक छिड़कने का मामला सामने आया है। दरअसल ये कीटाणुनाशक इंसानों पर इस्तेमाल करने के लिए नहीं होता है, लेकिन इसके बावजूद केमिकल को बच्चे पर छिड़का गया।
अब इस मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। लखनऊ नगर निगम द्वारा की गई इस हरकत के बाद उसने अब अपना बचाव किया है।
लखनऊ नगर निगम ने अपने बचाव में कहा कि यह छिड़काव अनजाने में किया गया। इस मामले को लेकर लखनऊ नगर निगम आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि बसों को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया चल रही थी। ऐसे में नली पाइप भरा हुआ था और जब हमारे कर्मचारी एक बस से दूसरी बस की सफाई करने जा रहे थे, तब उनके रास्ते में कुछ मजदूर आए। इसके बाद यह अनजाने में हो गया।
एनडीटीवी के अनुसार उन्होंने बताया कि नगर निगम एक महीने से बसों की सफाई कर रहा है और अभी तक ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है। हमने इसमें शामिल मशीन ऑपरेटर और सुपरवाइजर को हटा दिया है, क्योंकि अनजाने में ही सही लेकिन उन्होंने निश्चित रूप से गलती की है। जिसकी उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में पास में मौजूद महिला बच्चे पर हो रहे छिड़काव के दौरान नगर निगम के कर्मचारी से कहती हुई नजर आ रही है कि बच्चा भीग जाएगा, लेकिन कर्मचारी उस महिला की बात सुनते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। जिस लड़के पर कीटाणुनाशक का छिड़काव किया गया था, उसकी पहचान नहीं हो पाई है। हालांकि, बताया जा रहा है कि वह बच्चा अपने परिवार के साथ श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचा था।
वैसे ये कोई पहला मामला नहीं है जब इस तरह से प्रवासी मजदूरों पर कीटाणुनाशक का छिड़काव किया गया हो। कुछ समय पहले यूपी के जिले बरेली से भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। 30 मार्च को बरेली से प्रवासी मजदूर गुजर रहे थे, जिसके बाद यहां प्रशासन ने उन्हें सड़क पर बैठकर उनपर केमिकल का छिड़काव कराया था। इस मामले के सामने आने के बाद बरेली प्रशासन की आलोचना हुई थी।
मालूम हो, कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से देश की स्थिति बेहद गंभीर है। वहीं, देश के सबसे बड़े राज्य यानी उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित अब तक कुल 2998 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से 60 लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 1130 लोग ऐसे हैं, जिन्हें या तो अस्पताल से छुट्टी मिल गई है या फिर वो ठीक हो गए हैं।