सौभाग्य से मुझे काम के लिए कभी ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा: अतुल कुलकर्णी

By भाषा | Updated: August 2, 2021 20:04 IST2021-08-02T20:04:02+5:302021-08-02T20:04:02+5:30

Luckily I never had to struggle much for work: Atul Kulkarni | सौभाग्य से मुझे काम के लिए कभी ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा: अतुल कुलकर्णी

सौभाग्य से मुझे काम के लिए कभी ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा: अतुल कुलकर्णी

(जस्टिन राव)

मुंबई, दो अगस्त अभिनेता अतुल कुलकर्णी का कहना ​​है कि यह सच है कि उनका भी जीवन उद्योग के उतार-चढ़ाव से गुजरा है, लेकिन पिछले 25 वर्षों में वह कभी भी खाली नहीं बैठे, हमेशा उन्हें काम मिलता रहा ।

कुलकर्णी ने कहा कि हालांकि उन्होंने भी उद्योग में "अनिश्चितता के दौर" का सामना किया है।

सोलापुर में पले-बढ़े अभिनेता 90 के दशक के मध्य में मुंबई चले आए थे। कुलकर्णी को पहली बार "गांधी विरुद्ध गांधी" नाटक में महात्मा गांधी की भूमिका निभाने के लिए प्रशंसा मिली थी, जिसने अभिनेता-फिल्म निर्माता कमल हासन का ध्यान आकर्षित किया, जिन्होंने उन्हें 2000 में आई अपनी फिल्म "हे राम" के लिए कास्ट किया।

अभिनेता ने एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा से कहा, "मैं बेहद भाग्यशाली हूं क्योंकि मुझे मुंबई पहुंचने के तीन महीने के भीतर पहले पेशेवर नाटक में काम करने का मौका मिला। मैंने इसे तीन भाषाओं में किया। कमल जी ने नाटक के बारे में सुना और मुझे 'हे ​​राम' के लिए बुलाया। इस तरह मुझे मेरी पहली फिल्म मिली। मुझे वास्तव में काम पाने के लिए इतना संघर्ष नहीं करना पड़ा।’’

कुलकर्णी ने खुद को "रंग दे बसंती", "चांदनी बार" और मराठी फिल्म "नटरंग" जैसी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय करने के साथ एक भरोसेमंद कलाकार के रूप में स्थापित किया है।

कुलकर्णी ने कहा कि 1995 में जब उन्होंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक किया, तब उन्हें पता नहीं था कि उनकी अभिनय यात्रा कैसे आगे बढ़ेगी। फिल्म उद्योग एक दूर के सपने की तरह लग रहा था और टेलीविजन जगत में उछाल आना बाकी था।

उन्होंने कहा, "मैंने कभी फिल्मों के बारे में नहीं सोचा था क्योंकि यह मेरे लिए बिल्कुल दुर्गम थी। उस समय टीवी ज्यादा नहीं था, कोई दैनिक धारावाहिक नहीं थे। हम सभी के पास कम मौके थे।"

कुलकर्णी का कहना है कि उन्होंने जो काम किया, वह काम के प्रति उनका जुनून है।

55 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वह सोलापुर में अपने कॉलेज में एक नाटक में भाग लेने के बाद अभिनय के प्रति आकर्षित हुए। युवावस्था में, उन्हें लगा कि वह केवल एक शौक के रूप में नहीं, बल्कि एक पेशे के रूप में अभिनय करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, "जब मैंने शौकिया तौर पर थिएटर और अभिनय करना शुरू किया, तो मुझे वह पसंद आया जो मैं कर रहा था। मेरा एकमात्र लक्ष्य अभिनय में अधिक समय बिताना था। मैं 24 घंटे अभिनय करना चाहता था। मैं भाग्यशाली हूं कि मैं पिछले 25 सालों से ऐसा करने में सक्षम हो पाया हूं।"

इन वर्षों में, कुलकर्णी ने लगभग 100 हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में काम किया है।

उद्योग से उनकी सीख यह है कि किसी को "कार्य करने के लिए बाहरी प्रेरणा" की नहीं, बल्कि आंतरिक प्रेरणा की आवश्यकता होती है।

अभिनेता वर्तमान में डिज़्नी+हॉटस्टार के शो "सिटी ऑफ़ ड्रीम्स" के दूसरे सीज़न में दिखाई दे रहे हैं। नागेश कुकुनूर द्वारा निर्देशित इस राजनीतिक ड्रामा सीरीज का प्रीमियर 30 जुलाई को हुआ। इस सीरीज में कुलकर्णी ने राजनीतिज्ञ अमेय राव गायकवाड़ का किरदार निभाया है।

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