जम्मू: कोरोना संकटकाल में अमरनाथ यात्रा संपन्न करवाने को चल रहे द्वंद्व के बीच उप राज्यपाल गिरीश चन्द्र मूूर्मु ने सपरिवार अमरनाथ गुफा में ‘प्रथम पूजा’ संपन्न की है। इसके साथ ही आज व्यास पूर्णिमा पर यात्रा की प्रतीक छड़ी मुबारक श्रीनगर से पहलागम के लिए रवाना हुई जहां लिद्दर दरिया के किनारे गौरी शंकर मंदिर मंे उसकी पूजा की गई। इतना जरूर था कि कोरोना के कारण इस बार 55 साल से अधिक आयु वालों पर यात्रा में शिरकत करने पर प्रतिबंध लागू किया गया है जबकि सच्चाई यह थी कि उप राज्यपाल खुद 61 साल के हैं। इस पर खूब चर्चा हो रही है।
आज सुबह 6 बजे श्रीनगर से पहलगाम के लिए छड़ी मुबारक यात्रा रवाना हुई थी। इस दौरान अमरनाथ के जयकारों से श्रीनगर गूंज उठा था। कोरोना महामारी के मद्देनजर 21 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा में इस बार विशेष सतर्कता बरती जा रही है। साधु-संतों के अलावा 55 साल से कम उम्र के श्रद्धालुओं को ही यात्रा की इजाजत दी गई है। बच्चे और बुजुर्ग इस बार बाबा बर्फानी के दर्शन नहीं कर सकेंगे। जम्मू से रोजाना 500 श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए सड़क मार्ग से भेेजे जाएंगे।
इस बीच अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले पवित्र गुफा में होने वाली पूजा संपन्न हो गई है। उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने बाबा अमरनाथ की पूजा की। इस दौरान उनके परिवार के सदस्यों के अतिरिक्त उनके साथ कई अधिकारी मौजूद रहे।
जबकि यात्रा की प्रतीक छड़ी मुबारक करीब 100 साधु-संतों और अन्य लोगों के साथ दशनामी अखाड़ा श्रीनगर से पहलगाम के लिए रविवार प्रात छह बजे रवाना हुई। आषाढ़ पूर्णिमा (व्यास पूर्णिमा) पर पहलगाम में अमरनाथ छड़ी मुबारक का भूमि पूजन, नवग्रह पूजन और ध्वजारोहण की रस्म पूरी की गई।
व्यास पूर्णिमा पर पवित्र छड़ी मुबारक के संरक्षक और दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरी पहलगाम में लिद्दर दरिया के किनारे स्थित शिव मंदिर में भूमि पूजन और ध्वजारोहण किया। इसके साथ ही पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, श्री अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा का प्रारंभ माना जाता है। महंत दीपेंद्र गिरि ने कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुरूप हमने पूजा की है और नवग्रह पूजन व ध्वजारोहण किया है। इसके बाद छड़ी मुबारक दशनामी अखाड़ा लौट आई। 20 जुलाई को छड़ी मुबारक गोपाद्री पर्वत पर स्थित भगवान शंकर की आराधना के लिए शंकराचार्य मंदिर जाएगी। इसके बाद 21 जुलाई को श्रीनगर की अधीष्ठ देवी मां शारिका की पूजा के लिए पवित्र छड़ी मुबारक हरि पर्वत जाएगी।
इस बीच अधिकारियों के बकौल, अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू से श्रद्धालुओं का पहला जत्था 21 से 23 जुलाई के बीच जम्मू स्थित भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हो सकता है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि राज्य प्रशासन ने सभी विभागों के अधिकारियों को इस तिथि तक यात्रा से जुड़ी अपनी सभी तरह की तैयारियां पूरी करने के लिए कह दिया है। इसी के मद्देनजर रविवार को भगवती नगर स्थित यात्री निवास में यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। यात्री निवास को जम्मू नगरनिगम के कर्मचारियों ने सबसे पहले सैनिटाइज किया। यहां पर पहले क्वारंटाइन केंद्र बनाया गया था जिसे अब खाली करवा लिया गया है।