दुनिया को महाविनाश से बचाने का एकमात्र रास्ता महावीर और अहिंसाः जैन संत पर्वसागर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 27, 2023 15:05 IST2023-06-27T15:04:40+5:302023-06-27T15:05:24+5:30
दुनिया हिंसा के तमाम हथियार जुटाए हुए बैठी है, जो एक दिन महाविनाश का कारण बनेंगे। अगर इस महाविनाश से बचना है तो महावीर ही मात्र एक विकल्प हैं।

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नई दिल्लीः क्रांतिकारी राष्ट्रसंत जैन मुनि तरुण सागर जी की 56वीं जयंती पर उनके शिष्य पर्वसागरजी महाराज ने सोमवार 26 जून को लंदन की संसद में अपना प्रवचन दिया। उन्होंने कहा कि अगर दुनिया को महाविनाश बचाना है तो दो ही मार्ग हैं, एक महावीर का और दूसरा महाविनाश का। इसलिए हमें महावीर और उनकी अहिंसा को जानना और जीना होगा।
आज दुनिया हिंसा के तमाम हथियार जुटाए हुए बैठी है, जो एक दिन महाविनाश का कारण बनेंगे। अगर इस महाविनाश से बचना है तो महावीर ही मात्र एक विकल्प हैं। उनकी अहिंसा, समरसता और विश्व मैत्री से ही सब कुछ ठीक हो सकता है।
पर्वसागरजी महाराज ने लंदन की संसद में उपस्थिति को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि देश-दुनिया को गुरु पुष्पदंत और श्री तरुणसागर जी महाराज ने जो विशेष आशीर्वाद गुरु मंत्र दिए हैं, उनके विस्तार की ज़िम्मेदारी उनके शिष्यों की होती है। उसी जिम्मेदारी को पूरा करते हुए वे आज इस अविस्मरणीय ऐतिहासिक अवसर धर्म व रास्ट्र संस्कृति प्रभावना के गुरु मंत्र का विस्तार कर रहे हैं।
इस दौरान ब्रिटिश संसद भवन में जैनमुनि श्री तरुण सागर जी महाराज की एक प्रतिमा का लोकार्पण हुआ व उनके कड़वे प्रवचनों पर आधारित एक अंग्रेजी की पुस्तक का लोकार्पण किया गया। ब्रिटिश सरकार का प्रीतिनिधित्व करते हुए मंत्री व सांसद ग्रेथ थॉमस ने पर्वसागरजी महाराज को उनकी विश्वमैत्री अहिंसा धर्म प्रभावना यात्रा को यूके की उपलब्धि बताया।
तरुण सागर जी महाराज की 56वीं जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए जैन धर्म व यूके के इतिहास में पहली बार जैन संत की इस यात्रा पर खुशी जाहिर की। सांसद ने सरकार की ओर से जैन संत के चरणों में सम्मान का एक प्रतीक भी समर्पित किया। इस अवसर पर हिंदू संस्कृति के प्रचार प्रसार में समर्पित सिद्धाश्रम प्रमुख संत राजराजेश्वर जी भी उपस्थित रहे।