अपनी सुमधुर आवाज और संगीत के कौशल से युवावस्था में ही भारतीय संगीत प्रेमियों पर अपना जादू चलाने वाली मैथिली ठाकुर और लिडियन नादस्वरम 'सुर ज्योत्सना राष्ट्रीय संगीत पुरस्कार-2021' के विजेता बन गए हैं।
लोकमत सखी मंच की संस्थापक और संगीतसाधक ज्योत्सना दर्डा की स्मृति में लोकमत पत्र समूह द्वारा दिए जाने वाले सुर ज्योत्सना राष्ट्रीय संगीत पुरस्कार-2021 का वितरण गुरुवार, 23 दिसंबर 2021 को कमानी ऑडिटोरियम, मंडी हाउस, दिल्ली में शाम 5.30 बजे होगा। संगीत क्षेत्र के युवा और बहुमुखी प्रतिभावान कलाकारों के सम्मान समारोह का यह आठवां वर्ष है।
देश के संगीत क्षेत्र के प्रतिभाशाली कलाकारों का पता लगाकर उन्हें प्रोत्साहित करना ही इस पुरस्कार का मूल उद्येश्य है। इसके तहत बीते सात सालों में इस मंच ने अनेक कलाकारों को उनके संगीत क्षेत्र में योगदान और भावी संगीत यात्रा के लिए प्रेरणा देने का काम किया है। लोकमत सुर ज्योत्सना राष्ट्रीय संगीत पुरस्कार एक ऐसा मंच है जिसने अनेक नए संगीतकारों की पहचान देश से कराई है।
साथ ही संगीत क्षेत्र के विस्तार में अहम योगदान दिया है। पिछले सात सालों में इस पुरस्कार ने संपूर्ण देश में अपनी एक विशेष पहचान भी कायम की है। इस बार के आठवें पर्व में सुविख्यात सरोदवादक बंगश बंधु अमान अली और अयान अली का लाइव कंसर्ट मुख्य आकर्षण होगा।
इन महारथियों ने किया विजेता का चयन
पद्मश्री आनंदजी वीरजी शाह (कल्याणजी-आनंदजी), पद्मश्री पंकज उदास, मशहूर गायक रूपकुमार राठोड़ और गायिका सोनाली राठोड़, शशि व्यासजी, गौरी यादवडकर, लोकमत समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन पूर्व सांसद विजय दर्डा ने इस बार के सुर ज्योत्सना राष्ट्रीय संगीत पुरस्कार के विजेताओं का चयन किया है।
मैथिली ठाकुर
मैथिली का जन्म प्रसिद्ध संगीतकार रमेश और भारती ठाकुर दंपत्ति के घर 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपत्ती में हुआ। उन्हें संगीत की विरासत घर से ही मिली है। उनके दोनों छोटे भाई रिशव और अयाची गायन और तबलावादन में आगे जा रहे हैं। मैथिली को संगीत की प्राथमिक शिक्षा पिता से मिली। संगीत के प्रति उनकी रूचि को देखते हुए पिता आगे की शिक्षा के लिए उन्हें नई दिल्ली स्थित द्वारका नगर में लाए। उन्होंने पिता से ही शास्त्रीय संगीत, संवादिनी, तबला इन विद्याओं में प्रवीणता हासिल की। है।
साल 2011 में जीटीवी के सारेगमप लिटिल चैम्प रिएलिटी शो के जरिए टेलीविजन पर पदार्पण किया। चार साल बाद वह फिर से सोनी टीवी के इंडियन आइडल जूनियर में शामिल हुईं लेकिन उन्हें पहचान मिली राइजिंद स्टार रिएलिटी शो से। इस शो में वह उपविजेता रहीं। इसमें पेश किया बेहद दमदार 'ओम नम: शिवाय' गीत और सुमधुर स्वरों से संगीत प्रेमियों की वह चहेती बन गईं। वह तमिल, तेलुगू, भोजपुरी, मराठी और हिंदी भाषा में गाती हैं। बॉलीवुड सॉन्ग्स के साथ ही वह पारंपरिक लोकसंगीत भी प्रस्तुत करती हैं।
2015 में मैथिली ने भारतीय संगीत प्रतियोगिता 'गाय जीनियस यंग सिंगिंग स्टार' जीता। उनका म्यूजिक एल्बम 'या रब्बा' भी रिलीज हो चुका है। निर्वाचन आयोग ने उन्हें और उनके दो भाइयों को 2019 में मधुबनी जिले का ब्रांड एंबेसडर घोषित किया था। मैथिली केवल 20 वर्ष की है और संगीत के क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय काम के लिए पूरी दुनिया में पहचानी जाती हैं।
लिडियन नादस्वरम
लिडियन का जन्म सतीश और झांसी दंपत्ति के घर 6 सितंबर, 2005 को चेन्नई के तमिलनाडु में हुआ। लिडियन उनकी दूसरी संतान हैं। उन्होंने दो साल की उम्र में ड्रम बजाना शुरू कर दिया था और आठ साल की उम्र में वे पियानोवादक के रूप में सीखाना शुरू कर चुके थे। वह सेंचुरी ओल्ड मद्रास म्यूजिकल एसोसिएशन के संगीत निर्देशक ऑगस्टिन पॉल के शिष्य हैं। उन्होंने 2019 में 'द सीबीएस वर्ल्ड्स बेस्ट' स्पर्धा सीज़न वन में 185 देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इसमें वह विजेता रहे। वह स्पैनिश टीवी शो 'द एलेन डीगेनेरेस शो और सिएम्पर निनोज' में शामिल होने वाले वह पहले भारतीय संगीतकार बने।
साल 2013 में लिडियन को 'यंगेस्ट बेस्ट ड्रमर इन इंडिया' पुरस्कार मिला। उन्होंने ए.आर रहमान के एम. म्युजिक कंडर्वेटरी, चेन्नई में डॉ. सुरोजीत चटर्जी से दो साल तक रूशियन पियानो मेथड का प्रशिक्षण लिया। वह डॉ. ऑगस्टाइन पॉल के मार्गदर्शन में लंदन स्थित ट्रिनिटी कॉलेज में पियानो की 8 ग्रेड परीक्ष उत्तीर्ण की है। लिडियन ने ऐतिहासिक 3डी फिल्म 'बारोज दी डी-गमाज ट्रेजर' के लिए संगीत तैयार किया है। फिल्म में एक प्रसिद्ध अभिनेता मोहनलाल हैं और कहानी जिजो पुन्नुसे की है।
लिडियन ने बाल प्रधान फिल्म 'अटकन चटकन' में मुख्य अभिनेता के रूप में बॉलीवुड में अभिनय की शुरुआत की।इस फिल्म का लेखन और निर्देशन शिव हरे ने किया है और डॉ. ए. आर. रहमान इसके निर्माता हैं। यह फिल्म जी-5 पर 2020 में प्रदर्शित हुई। इस फिल्म में भूमिका के लिए लिडियन को साउथ लंदन फिल्म फेस्टिवल और जयपुर फिल्म फेस्टिवल में उत्कृष्ट अभिनेता के रूप में पुरस्कृत किया गया है। वह 20 से अधिक संगीत वाद्य बजाने में पारंगत हैं।
अमान और अयान अली बंगश विशेष आकर्षण
इस बार के आठवें संगीत पर्व में भारतीय शास्त्रीय संगीत क्षेत्र में सरोदवादक में नए आयाम रचने वाले अमान अली और अयान अली बंगश बंधु विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे। उनके सरोदवादन का आनंद उपस्थित श्रोता ले सकेंगे। दुनिया भर में मशहूर सरोदवादक उस्ताद अमजद अली खान के वे पुत्र हैं। दोनों ज्यादातर मौकों पर साथ में ही प्रस्तुति देते हैं। इन्होंने सारेगामाप शो में भी हिस्सा लिया था। उनकी जुगलबंदी का अल्बम काफी प्रसिद्ध है। उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
पद्मविभूषण, पद्मभूषण प्राप्त संगीत साधकों का विशेष सत्कार
इस पुरस्कार समारोह में पद्म विभूषण अमजद अली खान और शुभलक्ष्मी बरुआ खान, पद्म भूषण पं. विश्वमोहन भट, ग्वालियर घराने के पं. लक्ष्मण कृष्णराव पंडित, प्रख्यात शास्त्रीय गायक पं. साजन मिश्रा, पद्म भूषण राजीव सेठी का कला साहित्य और संगीत में विशिष्ठ योगदान के लिए विशेष सत्कार किया जाएगा। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, प्रमुख अतिथि केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के साथ केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र कुमार पांडेय, केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री व अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड़ और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद फारुख अब्दुल्ला विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे। इस समय विभिन्न राज्यों के कई सांसद उपस्थित होंगे।
इन्हें मिल चुका है पूर्व में पुरस्कार
2014गायिका- रिवा रूपकुमार राठोड़गायक- अर्शद अली खान
2015गायिका- पूजा गायतोंडेतबलावादक- ओजस अडिया
2016गायिका- अंकिता जोशीबांसुरीवादक- एस. आकाश सतीश
2017गायिका- स्वयमदुती मजूमदारगायक- रमाकांत गायकवाड
2018गायिका- अंजलि गायकवाडशास्त्रीय गायक- ब्रजवासी ब्रदर्स
2019गायिका- आर्या आंबेकरशास्त्रीय संगीत- शिखर नाद कुरैशी
2020गायिका- हरगुन कौरगायक- प्रथमेश लघाटे