Lokmat Parliamentary Award 2025: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, सम्मान पाकर जताई खुशी
By अंजली चौहान | Updated: December 17, 2025 19:34 IST2025-12-17T19:33:22+5:302025-12-17T19:34:04+5:30
Lokmat Parliamentary Award 2025: राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए, उन्होंने जनतंत्र को दिशा, संतुलन और वैचारिक गहराई प्रदान की है।

Lokmat Parliamentary Award 2025: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, सम्मान पाकर जताई खुशी
Lokmat Parliamentary Award 2025: राजनीति के मैदान से निकलकर सदन के पटल पर अपनी छाप छोड़ने वाले दिग्गजों के लिए 'लोकमत संसदीय पुरस्कार 2025' एक बार फिर चर्चा में है। राजधानी दिल्ली स्थित नए महाराष्ट्र सदन में यह पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया है। यह पुरस्कार का छठा संस्करण है। लोकतंत्र की वह सशक्त आवाज़, जिसने दशकों तक संसद को अनुभव, विवेक और विचारों से समृद्ध किया। दिग्विजय सिंह राज्यसभा में अपने दीर्घ संसदीय जीवन के दौरान संविधानिक मूल्यों, सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के अडिग प्रहरी के रूप में सदैव अग्रणी रहे हैं।
नीतिगत विमर्श हो या राष्ट्रीय सरोकार, उनकी गहन समझ, तर्कपूर्ण हस्तक्षेप और निर्भीक दृष्टिकोण संसदीय परंपरा को मजबूती देता रहा है। राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए, उन्होंने जनतंत्र को दिशा, संतुलन और वैचारिक गहराई प्रदान की है। लोकमत पार्लियामेंटरी अवार्ड 2025 के अवसर पर हमें श्री दिग्विजय सिंह को “लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” देते हुए बहुत खुशी हो रही है।
बता दें कि लोकमत संसदीय पुरस्कार 2017 में शुरू किए गए थे, यह उन सांसदों को सम्मानित करने की हमारी पहल है जो प्रगति लाते हैं, आशा पैदा करते हैं और हमारे देश के लिए प्रेरणा और गौरव का स्रोत हैं।
संसदीय लोकतंत्र को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सांसदों को ‘लोकमत’ पत्र समूह की ओर से पिछले पांच वर्षों से ‘लोकमत पार्लियामेंटरी पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार शाम छह बजे लोकसभा और राज्यसभा के चार-चार सांसदों को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, ‘लोकमत पार्लियामेंटरी अवॉर्ड’ की ज्यूरी के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल तथा सहकार और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल उपस्थित रहे।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश भूषण गवई की भी विशेष उपस्थिति रही। लोकमत मीडिया समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद डॉ. विजय दर्डा और लोकमत के एडिटर-इन-चीफ राजेंद्र दर्डा की मौजूदगी में यह समारोह हो रहा है।
इसके अलावा, ‘लोकमत’ कॉन्क्लेव के तहत दो विषयों पर चर्चा सत्र आयोजित किए गए हैं। पहला सत्र दोपहर तीन बजे से शुरू हुआ, जिसमें ‘फ्रीबीज बिफोर पोल्स-अ बून ऑर बेन’ विषय पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के सांसद सुनील तटकरे और राज्यसभा सांसद प्रो. मनोजकुमार झा अपने विचार रखे. दूसरा सत्र साढ़े चार बजे से शुरू हुआ. ‘चैलेंजेस बिफोर कॉन्स्टिट्यूशनल बॉडीज’ विषय पर पूर्व प्रधान न्यायाधीश भूषण गवई, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी और राज्यसभा सांसद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी अपने विचार व्यक्त किए।
इस वर्ष की ज्यूरी में पूर्व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल (अध्यक्ष), लोकसभा सांसद प्रो. सौगत राय, भर्तृहरि महताब, डॉ. निशिकांत दुबे, कनिमोझी करुणानिधि, राज्यसभा सांसद डॉ. सस्मित पात्रा, जया बच्चन, डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त, लोकमत मीडिया समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद डॉ. विजय दर्डा और नेशनल एडिटर हरीश गुप्ता शामिल थे।