धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश), 14 दिसंबर हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त संशोधन विधेयक, 2021 मंगलवार को यहां तपोवन में राज्य विधानसभा में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। विपक्षी दल कांग्रेस और माकपा के सदन से बहिर्गमन करने के बीच यह विधेयक पारित किया गया।
कांग्रेस और माकपा ने इस प्रस्तावित संशोधन को वापस लेने या इसे चयन समिति के पास भेजने की मांग की।
इस विधेयक के पारित होने के बाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को राज्य में लोकायुक्त भी नियुक्त किया जा सकता है जबकि पहले उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को ही लोकायुक्त नियुक्त करने का प्रावधान था।
विपक्षी दल कांग्रेस और माकपा के इकलौते विधायक राकेश सिंह कानून में संशोधन के खिलाफ सदन से बहिर्गमन कर गए।
इससे पहले विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, जगत सिंह नेगी, आशा कुमारी, हर्षवर्धन चौहान समेत कांग्रेस विधायकों और माकपा के सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को लोकायुक्त के तौर पर नियुक्ति के साथ मुख्यमंत्री के पद को कमतर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि लोकायुक्त मुख्यमंत्री के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर सकता है।
वहीं, विधायी मामलों के मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मौजूदा प्रावधानों के कारण लोकायुक्त के पद पर नियुक्ति करना मुश्किल हो गया है क्योंकि कुछ ही लोग योग्यता मानदंड को पूरा कर पाते हैं।
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