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लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में महागठबंधन में सीटों को लेकर मारामारी शुरू, पूर्व CM जीतन राम मांझी ने की इतने सीटों की मांग

By एस पी सिन्हा | Updated: October 5, 2018 18:59 IST

दूसरी ओर सीपीआई के बाद भाकपा- माले ने अलग से पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है जबकि माकपा के बिहार की दो सीटों पर चुनाव लडने की सम्भावना है।

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पटना,5 अक्टूबर: 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर न केवल राजद बल्कि महागठबंधन में भी सीटों के तालमेल को लेकर मारामारी की स्थिति है। महागठबंधन की सहयोगी के तौर पर एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 20 सीटों की मांग कर राजद की परेशानी बढा दी है, वहीं महागठबंधन से जुडने की तैयारी में जुटी वाम मोर्चा ने भी ज्यादा सीटों की मांग कर महागठबंधन के भाविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

सीपीआई ने 6 सीटों की पेश की दावेदारी

यहां बता दें कि लेफ्ट की पार्टी सीपीआई ने बिहार की छह सीटों पर दावेदारी पेश की है। सीपीआई ने जिन सीटों पर दावा किया है उनमें बिहार की बेगूसराय, मधुबनी, मोतिहारी, खगडिया, बांका, गया या जमुई सीट शामिल है। इसकी जानकारी देते हुए सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने जेएनयू के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के चुनाव लडने की भी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कन्हैया का चुनाव लडना तय है और लेफ्ट के सभी दलों ने इस मुद्दे पर अपनी सहमति दी है। 

सत्यनारायण के मुताबिक लेफ्ट के सभी दलों के साथ-साथ इस मसले पर राजद और कांग्रेस की भी सहमति मिली है। उन्होंने चुनाव प्रचार के संबंध में बताया कि एनडीए के खिलाफ तेजस्वी यादव और कन्हैया कुमार स्टार प्रचारक होंगे। इसको लेकर राजद और कांग्रेस से बात हो रही है। उन्होंने बताया कि बिहार में राजद विपक्ष की धुरी है और हम सभी मिलकर चुनाव लडेंगे।

पांच सीटों पर भाकपा-माले लड़ेगी चुनाव

दूसरी ओर सीपीआई के बाद भाकपा- माले ने अलग से पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है जबकि माकपा के बिहार की दो सीटों पर चुनाव लडने की सम्भावना है। इससे पहले कन्हैया कुमार के बेगूसराय सीट से चुनाव लडने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। अंदरखाने से जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक कन्हैया कुमार ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। 

लेफ्ट से संभावित उम्मीदवार और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार मूलत: बेगूसराय के ही रहने वाले हैं। कन्हैया का घर बेगूसराय के बीहट गांव में है जो तेघरा विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। तेघरा को कभी मिनी मास्को भी कहा जाता था। 1962 के बाद से 2010 तक यह सीट सीपीआई के कब्जे में रही। कन्हैया खुद भूमिहार जाति से हैं जिसका दबदबा इस सीट पर शुरू से रहा है।

लगभग 17 लाख मतदाताओं में भूमिहारों की संख्या सबसे ज्यादा है, इसके बाद अन्य पिछडा वर्ग, मुसलमान और अनुसूचित जातियों की संख्या है। ओबीसी में कुशवाहा यानी कोईरी की संख्या सबसे ज्यादा है। भूमिहारों का वर्चस्व मटिहानी, बेगूसराय और तेघरा विधानसभा सीटों पर है। ऐसे में वाम मोर्चा और अन्य दलों की मांग को देखेने से राजद के लिए मुश्किलें बढने की संभावना है। इसतरह महागठबंधन में भी सीटों का तालमेल होना इतना आसान नही है।

टॅग्स :लोकसभा संसद बिलबिहारजीतन राम मांझी
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