लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर है दोहरी जिम्मेदारी, अपनी सीटे जीतें, प्रभाव वाली सीटों पर प्रत्याशियों को दिलाएं जीत

By राजेंद्र पाराशर | Updated: April 9, 2019 23:28 IST2019-04-09T23:28:06+5:302019-04-09T23:28:06+5:30

मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव: सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस हाईकमान ने उत्तरप्रदेश में पहले ही जिम्मेदारी दी है, वहीं अब उन्हें गुना संसदीय क्षेत्र जो की उनका अपना क्षेत्र है, वहां जीतना तो हैं, साथ ही ग्वालियर-चंबल अंचल की सभी चारों सीटों भिंड, मुरैना, गुना और ग्वालियर पर जीत की जिम्मेदारी सिंधिया पर है.

Lok Sabha Elections 2019: Dual responsibility on the legends leader of Congress in madhya pradesh | लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर है दोहरी जिम्मेदारी, अपनी सीटे जीतें, प्रभाव वाली सीटों पर प्रत्याशियों को दिलाएं जीत

लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर है दोहरी जिम्मेदारी, अपनी सीटे जीतें, प्रभाव वाली सीटों पर प्रत्याशियों को दिलाएं जीत

मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने एक बार फिर विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है. दिग्गजों पर अपनी सीट जीतने के अलावा अपने प्रभाव वाली सीटों पर प्रत्याशियों को जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी है. इसके तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह पर ज्यादा जिम्मेदारी आ गई है.

राज्य में कांग्रेस ने दिग्गज नेताओं पर फिर अपने-अपने प्रभाव क्षेत्रों में जीत के लिए जिम्मेदारी सौंपी है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल से चुनौती वाली सीट पर चुनाव मैदान में है, उन पर भोपाल के अलावा राजगढ़ संसदीय सीट पर जीत की जिम्मेदारी आ गई है. इसी तरह मुख्यमंत्री कमलनाथ पर विधानसभा उपचुनाव में जहां से वे प्रत्याशी है, इसके अलावा उन्हें अपने पुत्र नकुल नाथ को छिंदवाड़ा से तो जिताना ही है, साथ ही पूरे महाकौशल में फिर से विधानसभा चुनाव की भांति कांग्रेस की अधिक से अधिक सीटों पर जीत की जिम्मेदारी है. वैसे कमलनाथ को पर एक तरह से प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी है, मगर महाकौशल में उन्हें भाजपा के गढ़ों को भेदने की रणनीति पर काम करने को कांग्रेस हाईकमान ने कहा है.

सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस हाईकमान ने उत्तरप्रदेश में पहले ही जिम्मेदारी दी है, वहीं अब उन्हें गुना संसदीय क्षेत्र जो की उनका अपना क्षेत्र है, वहां जीतना तो हैं, साथ ही ग्वालियर-चंबल अंचल की सभी चारों सीटों भिंड, मुरैना, गुना और ग्वालियर पर जीत की जिम्मेदारी सिंधिया पर है. यही वजह है कि यहां पर उनकी ही पसंद के प्रत्याशियों को मैदान में उतारे जाने की बात कही है.

सिंधिया पर मालवा की कुछ सीटों पर जीत का दबाव है. सिंधिया के अलावा विंध्य में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सीधी से चुनाव लड़ रहे हैं, उन्हें विंध्य की सतना, शहडोल और रीवा सीटों पर भी कांग्रेस प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए मेहनत करनी होगी. वैसे अजय सिंह के लिए सीधी में कड़ी टक्कर माना जा रहा है. वे चुरहट से विधानसभा चुनाव हार चुके थे.

निमाड़ में खंडवा संसदीय क्षेत्र से अरुण यादव को कांग्रेस ने फिर मैदान में उतारा है. अरुण पिछला लोकसभा चुनाव यहां से हार चुके हैं. उनका सीधा मुकाबला भाजपा के कद्दावर नेता नंदकुमार सिंह चौहान से हैं. यहां पर उनका कड़ा मुकाबला है और विरोध भी. यादव को कांग्रेस हाईकमान से खंडवा के अलावा खरगोन संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी मिली है. यादव को दोनों ही स्थानों पर जीत दिलाने के लिए काम करने को कहा गया है.

Web Title: Lok Sabha Elections 2019: Dual responsibility on the legends leader of Congress in madhya pradesh



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