मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन के पहले राज्य के दो छोटे दलों और एक सामाजिक संगठन ने कांग्रेस को उलझा दिया है। कांग्रेस इन्हें नाराज तो करना नहीं चाहती, मगर सीट भी देना नहीं चाह रही है। कांग्रेस की शर्त पर दलों के नेता तैयार नहीं है, फिर भी कांग्रेस से सकारात्मक जवाब की अपेक्षा रखते हुए इंतजार कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की ही तरह लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को राज्य के दो क्षेत्रीय दलों गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बहुजन संघर्ष दल ने उलझा दिया है। इनके अलावा जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन भी कांग्रेस पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारने को लेकर दबाव बना रहा है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने राज्य की अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में से 2 सीटों मंडला और शहडोल सीटों पर गठबंधन के साथ प्रत्याशी उतारने के लिए दबाव बनाया है।
गोंगपा से कांग्रेस का गठबंधन!
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी तो एक सीट पर मंडला सीट पर भी समझौते के साथ तैयार है, यहां पर गोंगपा ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरासिंह मरकाम को मैदान में उतारने का फैसला भी किया है। गोंडवाना की ओर से यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री कमलनाथ को दिया गया है। कमलनाथ ने गोंगपा के पदाधिकारियों से चर्चा की है, मगर कोई जवाब नहीं दिया है। वहीं जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) ने भी कांग्रेस पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में से 4 सीटों बैतूल, धार, खरगौन और मंडला पर दावा करते हुए प्रत्याशी उतारने की बात कही है। जयस के संरक्षक और कांग्रेस विधायक डा. हीरा अलावा ने जयस के प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर अपनी बात रख दी है।
उनका कहना है कि हमारी बात हमने प्रदेश से लेकर दिल्ली तक रख दी है। कांग्रेस को इस पर फैसला लेना है। वहीं जयस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद मुझाल्दे का कहना है कि अगर कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं होगी तो हम अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे। कांग्रेस इन दलों के बीच अब उलझ गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फिलहाल तो सर्वे कराने की बात कहकर मामले को शांत कर दिया है, मगर जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आएगी ये दल कांग्रेस पर दबाव बढ़ाने का काम करेंगे।
बरैया भी चाहते हैं भिंड से कांग्रेस का साथ
बहुजन समाज पार्टी से अलग होकर बहुजन संघर्ष दल बनाने वाले फूलसिंह बरैया ने भी कांग्रेस पर अनुसूचित जाति वर्ग की एक सीट के लिए दबाव बनाया है। बरैया की पैरवी राज्य के सहकारिता मंत्री डा। गोविंद सिंह खुद कर रहे हैं। बरैया ने भिंड से अपना दावा करते हुए कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात कही है। बरैया की ओर से आए प्रत्साव पर कांग्रेस ने उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी के रुप में मैदान में उतरने का संदेश दिया है। इस पर बरैया फिलहाल विचार कर रहे हैं। बरैया के पास आए कांग्रेस के इस संदेश के बाद वे खुद उलझते नजर आ रहे हैं। बरैया चाहते हैं कि वे बहुजन संघर्ष दल से ही चुनाव लड़े, मगर कांग्रेस ने स्पष्ट कह दिया है कि वे कांग्रेस से चुनाव लड़ें तो आगे विचार किया जाए।