लोकसभा चुनावः राहुल राजस्थान में, इस बार फैसला वास्तविक मुद्दों और भावनात्मक मुद्दों के बीच होगा?

By प्रदीप द्विवेदी | Updated: March 27, 2019 06:23 IST2019-03-27T06:23:36+5:302019-03-27T06:23:36+5:30

वर्ष 2014 में लोस चुनाव के दौरान वास्तविक और भावनात्मक, दोनों ही मुद्दे बीजेपी के पक्ष में थे, लेकिन इस वक्त, अच्छे दिनों की वास्तविकता के कारण जनहित के मुद्दे कमजोर पड़ गए हैं और बीजेपी की पूरी ताकत इमोशनल अटैक पर फोकस है.

lok sabha election: rahul gandhi rajasthan visit elections issue | लोकसभा चुनावः राहुल राजस्थान में, इस बार फैसला वास्तविक मुद्दों और भावनात्मक मुद्दों के बीच होगा?

लोकसभा चुनावः राहुल राजस्थान में, इस बार फैसला वास्तविक मुद्दों और भावनात्मक मुद्दों के बीच होगा?

क्या इस बार लोस चुनाव का फैसला वास्तविक मुद्दों और भावनात्मक मुद्दों के बीच होगा? कम-से-कम राहुल गांधी की राजस्थान की सभाओं को देख कर तो ऐसा ही लगता है! कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान की सभाओं में लोकसभा चुनाव को दो विचारधाराओं की लड़ाई करार दिया. 

वर्ष 2014 में लोस चुनाव के दौरान वास्तविक और भावनात्मक, दोनों ही मुद्दे बीजेपी के पक्ष में थे, लेकिन इस वक्त, अच्छे दिनों की वास्तविकता के कारण जनहित के मुद्दे कमजोर पड़ गए हैं और बीजेपी की पूरी ताकत इमोशनल अटैक पर फोकस है. जाहिर है, इस बार के नतीजे इस बात पर निर्भर रहेंगे कि जनता सोशल मुद्दों और इमोशनल मुद्दों में से किसे महत्व देती है.

राहुल गांधी का कहना है कि- अगर मोदी अमीरों को पैसा देते हैं तो कांग्रेस पार्टी गरीबों को पैसा देगी. यही नहीं, वे पीएम मोदी पर नोटबंदी के जरिए काले धन वालों की मदद करने का आरोप भी लगा रहे हैं. राहुल गांधी का कहना है कि- पीएम मोदी दो हिंदुस्तान बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें एक हिंदुस्तान अमीरों का और दूसरा गरीबों का होगा, लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी. 

केंद्र में कांग्रेस सत्ता में आते ही देश के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों की न्यूनतम मासिक आय 12000 रुपये सुनिश्चत करेगी, जिसके लिये सरकारउनके खाते में 72 हजार रूपये हर साल डालेगी. यही नहीं, कांग्रेस किसानों की समस्याओं और युवाओं को रोजगार देने पर भी ध्यान देगी. 

राहुल गांधी चारों ओर से बीजेपी को घेर रहे हैं, एक- जीएसटी, नोटबंदी, कालाधन वापसी जैसे मुद्दों पर पीएम मोदी की नाकामयाबी दिखा रहे हैं, दो- अपने पुराने वोट बैंक को साधने के लिए अमीर-गरीब पर बीजेपी का नजरिया एक्सपोज कर रहे हैं, तीन- किसान कर्जमाफी जैसे उदाहरण के दम पर यह साबित कर रहे हैं कि कांग्रेस जो कहती है, वह करती है, जबकि बीजेपी ने 2014 में जनता से किया कोई भी वादा नहीं निभाया है, और चार- भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लगातार आक्रामक हैं, वे कहते हैं- हमने 10 साल में किया, उस सबको नरेंद्र मोदी ने 5 साल में खत्म कर दिया. और फिर कहते हैं कि मैं चौकीदार हूं. उन्होंने लोगों को ये नहीं बताया कि वे चौकीदार किसके हैं. मोदी अनिल अंबानी, नीरव मोदी के चौकीदार हैं.

सियासी संकेत यही हैं कि यदि इन चार मोर्चो पर बीजेपी अपना पक्ष जनता के सामने मजबूती से नहीं रख पाई, तो मिशन- 25 तो दूर, 2014 की आधी सीटे बचाना भी बीजेपी के लिए मुश्किल हो जाएगा.

 

Web Title: lok sabha election: rahul gandhi rajasthan visit elections issue