वाराणसी सीट से सपा-बसपा प्रत्याशी शालिनी यादव ने तेज बहादुर यादव को बांधी राखी, आशीर्वाद ली, बीएसएफ से बर्खास्त जवान ने कहा, बहन मिल गई
By सतीश कुमार सिंह | Published: May 2, 2019 07:10 PM2019-05-02T19:10:02+5:302019-05-02T19:10:02+5:30
शालिनी से मुलाकात के बाद तेज बहादुर यादव ने कहा कि वह पांच भाई हैं, लेकिन कोई बहन नहीं थी। अब उन्हें शालिनी यादव के रूप में बहन मिल गई। नकली चौकीदार के खिलाफ असली चौकीदार की लड़ाई जारी रहेगी।
गुरुवार को सपा की मौजूदा प्रत्याशी शालिनी यादव ने तेज बहादुर से मुलाकात की और उनको राखी बांधकर अपनी जीत का आशीर्वाद मांगा। इसकी तस्वीर शालिनी ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर भी की है।
शालिनी यादव ने कहा कि वे इस देश के सच्चे वीर जवान तेज बहादुर यादव का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करती हैं।
तेज बहादुर की जो लड़ाई है, अब हम दोनों लोग मिलकर उसे नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ेंगे। शालिनी ने कहा कि मैं इनसे पहली बार मिली हूं। मेरे लिए बहुत सौभाग्य का दिन है मैंने तेज बहादुर जैसे भाई को राखी बांधी है। तेज बहादुर से मैंने आशीर्वाद लिया है कि आने वाली मेरी लड़ाई और भी मजबूत होगी।
वाराणसी सीट से सपा प्रत्याशी तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द होने के बाद अब लड़ाई और रोचक हो गई है। शालिनी से मुलाकात के बाद तेज बहादुर यादव ने कहा कि वह पांच भाई हैं, लेकिन कोई बहन नहीं थी। अब उन्हें शालिनी यादव के रूप में बहन मिल गई। नकली चौकीदार के खिलाफ असली चौकीदार की लड़ाई जारी रहेगी।
हम साथ थे, साथ हैं और साथ रहेंगे!
— Shalini Yadav 🌈 (@YadavaShalini) May 2, 2019
जमकर लडेंगे और जीतेंगे!!#MahaGathbandhan से #MahaParivartanpic.twitter.com/9K5hHXYdCu
तेज बहादुर ने कहा कि मैं शालिनी की जीत के लिए जान पर दांव लगा दूंगा। नामांकन रद्द होने के बाद शालिनी यादव ने कहा कि अब मैं शालिनी की लड़ाई को आगे बढ़ाने और मोदी जी को हराने के लिए बनारस में ही रह कर डोर टू डोर प्रचार करूंगा। इस मुलाकात पर शालिनी यादव ने कहा कि आज हम तेज बहादुर जी से मिलने आए हैं। तेजबहादुर जी पांच भाई हैं, लेकिन कोई बहन नहीं है। मैंने उन्हें राखी बांधी है और भाई के तौर पर स्वीकार किया है।
रणभेरी बज उठी है!
— Shalini Yadav 🌈 (@YadavaShalini) April 28, 2019
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महागठबंधन की मौजूदा प्रत्याशी शालिनी यादव को सियासत विरासत में मिली
महागठबंधन की मौजूदा प्रत्याशी शालिनी यादव को सियासत विरासत में मिली है। शालिनी के ससुर श्याम लाल यादव कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं, जिनका कांग्रेस ही नहीं बल्कि गांधी परिवार से कभी सीधा सरोकार हुआ करता था। इसी के चलते कांग्रेस ने शालिनी यादव को वाराणसी सीट से 2017 में मेयर का टिकट दिया था।
शालिनी बीजेपी की मृदुला जायसवाल से भले ही हार गईं, लेकिन एक लाख चौदह हजार वोट हासिल करने में कामयाब रही थीं। इसके बाद से लगातार वो पार्टी में सक्रिय रहीं। लोकसभा चुनाव में शालिनी ने कांग्रेस से टिकट मांगा था। टिकट न मिलने के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है।
सपा ने उन्हें पहले अपना प्रत्याशी बनाया, लेकिन ऐन मौके पर टिकट काटकर तेज बहादुर यादव को दे दिया। हालांकि, टिकट काटे जाने से पहले शालिनी यादव नामांकन कर चुकी थीं। इस कारण जब तेज बहादुर यादव का पर्चा निरस्त हुआ तो सपा ने एक बार फिर शालिनी यादव को अपना प्रत्याशी बना दिया है।