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राहुल चले मोदी-शाह की राह! लोक सभा 2019 से पहले राजस्थान में यूँ रखा जातिगत समीकरण का ख्याल

By धीरज पाल | Updated: December 24, 2018 16:13 IST

राजस्थान मंत्रिमंडल में कुल 23 मंत्रियों को चुना गया है। इनमें 13 कैबिनेट मंत्रियों और 10 राज्य मंत्री शामिल हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि राजस्थान मंत्रिमंडल में कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को शामिल नहीं किया गया है। 

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राजस्थान के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कैबिनेट और राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार के लिए मंत्रियों का गठन हो गया। राजसथान राजभवन में 13 कैबिनेट मंत्रियों और 10 राज्य मंत्रियों ने शपथ लिया। इस मौके पर बहुत से विधायकों को पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। वहीं, कुछ कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को मंत्रिमंडल से बाहर रखा था। वहीं, आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राह अपनाया है।

मोदी-शाह की राह पर राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरण का पूरा ख्याल रखा है। राजनीतिक विशेषज्ञ इसकी तुलना पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से कर रहे है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में भी जाति का पूरा समीकरण का विशेष ध्यान रखा गया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में दो दलित चेहरे थे जिसमें आगरा के सांसद रामशंकर कठेरिया और होशियारपुर के सांसद विजय सांपला। वहीं, दो आरजेडी के पूर्व अध्यक्ष राम कृपाल यादव और कांग्रेस के पूर्व सांसद बीरेंद्र सिंह को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली थी।

ऐसे राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने भी  अशोक गहलोत के कैबिनेट में जातीय समीकरण का ख्याल भी रखा है। गहलोत के कैबिनेट में हर एक समुदाय के प्रतिनिधित्व को शामिल करने की कोशिश की गई है।2 राजपूत, 2 वैश्य, 1 मुस्लिम और 4 जाट को मंत्री का पद दिया गया है। नीचे उन जातियों के नाम और उनकी संख्या दी गई है।

जाति - संख्या

राजपूत - 2वैश्य- 2मुस्लिम- 1 जाट- 4 एसटी- 3एससी- 4 ओबीसी- 3 गुज्जर- 1

इन वरिष्ठ नेताओं को नहीं मिली जगह

राजस्थान मंत्रिमंडल में कुल 23 मंत्रियों को चुना गया है।  इनमें  13 कैबिनेट मंत्रियों और 10 राज्य मंत्री शामिल हैं। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि राजस्थान मंत्रिमंडल में कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को शामिल नहीं किया गया है। पिछले कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री रहे सीपी जोशी, भरत सिंह और पूर्व स्पीकर दीपेंद्र सिंह को जगह नहीं दी गई है।

ये हैं कैबिनेट मंत्री

बी डी कल्ला, रघु शर्मा, शांति धारीवाल, लालचंद कटारिया, प्रमोद जैन भाया, परसादी लाल मीणा, विश्वेन्द्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश चंद्र मीणा, भंवर लाल मेघवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, उदय लाल अंजाना और सालेह मोहम्मद।

ये हैं राज्यमंत्री

गोविंद सिंह डोटासरा, ममता भूपेश, अर्जुन सिंह बामनिया, भंवर सिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जोली, भजनलाल जाटव, राजेन्द्र सिंह यादव और आरएलडी के सुभाष गर्ग।

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