Lockdown: फीस के नियमों का उल्लंघन करने पर स्कूल की दो शाखाएं सील, जानें क्या है पूरा मामला
By भाषा | Updated: May 5, 2020 05:32 IST2020-05-05T05:32:45+5:302020-05-05T05:32:45+5:30
दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के मद्दनेजर लागू लॉकडाउन के बीच फीस संबंधित नियमों का उल्लंघन करने को लेकर सोमवार को एक निजी स्कूल की दो शाखाओं को सील करने का आदेश दिया। साथ ही प्रबंधन अथवा स्कूल के संचालन प्रमुखों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी आदेश दिया।

फीस के नियमों का उल्लंघन करने पर स्कूल की दो शाखाएं सील।
नई दिल्ली।दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के मद्दनेजर लागू लॉकडाउन के बीच फीस संबंधित नियमों का उल्लंघन करने को लेकर सोमवार को एक निजी स्कूल की दो शाखाओं को सील करने का आदेश दिया। साथ ही प्रबंधन अथवा स्कूल के संचालन प्रमुखों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का भी आदेश दिया। आदेश के बाद एपीजे स्कूल की शेख सराय के पंचशील पार्क और साकेत स्थित शाखाओं को सोमवार को सील कर दिया गया। हालांकि, स्कूलों के प्रधानाचार्यों ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि वे कानून के तहत ही काम कर रहे थे और छात्रों का हित उनके लिए सर्वोपरि है।
शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों के मुताबिक, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से लागू लॉकडाउन के मद्देनजर हालात को संज्ञान में लिए बिना ही स्कूलों की ओर से गैर कानूनी तरीके से फीस बढ़ाने की बात सामने आने के बाद स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एपीजे स्कूल की पंचशील पार्क शाखा के प्रधानाचार्य ने कहा, '' फीस के बाबत, हमारे स्कूल में सभी कदम शिक्षा निदेशालय से मिले आदेश के मुताबिक ही उठाए जाते हैं। हमने निश्चित तौर पर अभिभावकों को फीस भरने के लिए किसी तरह का दबाव नहीं डाला है। पंचशील पार्क शाखा के लगभग 100 प्रतिशत अभिभावकों ने सत्र 2019-20 की फीस जमा करवा दी है और अधिकतर ने इस सत्र के एक महीने का शिक्षण शुल्क जमा कर दिया है।''
जानें लॉकडाउन में स्कूल की सालाना फीस वृद्धि और तीन महीने की फीस पर HRD मंत्री निशंक ने क्या कहा था
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सभी निजी स्कूलों से अपील की है कि वे कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान सालाना स्कूल फीस वृद्धि और तीन महीने की फीस एक साथ लेने के निर्णय पर पुनर्विचार करें। केंद्रीय मंत्री की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब देश के विभिन्न हिस्सों में अभिभावकों द्वारा बंदी के दौरान कई स्कूलों द्वारा फीस में वृद्धि और तीन महीने के फीस एक साथ देने की मांग पर चिंता व्यक्त की जा रही है । निशंक ने कहा, ‘‘ इस वैश्विक आपदा के समय मेरा सभी स्कूलों से निवेदन है कि सालाना स्कूल फीस वृद्धि और तीन महीने की फीस एक साथ नहीं लेने पर सहानुभूति पूर्वक विचार करें।’’ फेसबुक और ट्विटर पर अपने पोस्ट में मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि देश भर से कई अभिभावकों द्वारा उनके संज्ञान में यह बात लाई गई है कि इस संकट के समय में भी कई स्कूल अपनी सालाना फीस में वृद्धि और तीन महीने की वर्तमान फीस एक साथ ले रहें हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं सभी राज्यों के शिक्षा विभागों से यह आशा करता हूँ कि वे संतोषजनक तरीके से अभिभावकों और स्कूलों के हितों के संरक्षण की दिशा में बेहतर सामंजस्य स्थापित कर रहे होंगे।’’ निशंक ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस महामारी के समय मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। इस परिप्रेक्ष में आशा है कि सभी स्कूल अपने शिक्षकों और पूरे स्टाफ को समय पर वेतन उपलब्ध कराने की चिंता कर रहे होंगे ।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ मुझे खुशी है कुछ राज्यों ने इस पर सकारात्मक कदम उठाए हैं। मैं उनकी इस पहल की सराहना करता हूँ एवं आशा करता हूँ कि सभी राज्य उपरोक्त अनुरोध पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे।’’