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लॉकडाउन: 'वो हमारे लोग हैं', सीएम केजरीवाल ने ममता बनर्जी से लेकर हेमंत सोरेन से प्रवासी मजदूरों पर कही ये बात

By धीरज पाल | Updated: March 27, 2020 14:42 IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश के 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर राज्य के उन श्रमिकों को सहायता पहुंचाने का आग्रह किया है जो कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन के बाद जगह-जगह फंस गए हैं। 

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ठळक मुद्दे देश में कोविड-19 महामारी की वजह से पूरी तरह बंद के कारण पश्चिम बंगाल के कई कामगार वापस नहीं आ सके और विभिन्न जगहों पर फंस गये हैं।224 रैन बसेरों के अलावा 325 सरकारी स्कूलों में भी गरीब और बेघर लोगों को दोपहर तथा रात का भोजन मुहैया कराया जाएगा।

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार (27 मार्च) को लॉकडाउन के चलते राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर चिंता जताई है। प्रवासी मजूदरों को लेकर सीएम केजरीवाल ने आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम ममता बनर्जी और हेमंत सोरेन की मांग का जवाब देते हुए कहा कि प्रवासी मजूदर हमारे लोग हैं।

केजरीवाल ने कहा कि 224 रैन बसेरों के अलावा 325 सरकारी स्कूलों में भी गरीब और बेघर लोगों को दोपहर तथा रात का भोजन मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने झारखंड और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अपीलों का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार यहां रह रहे अन्य राज्यों के लोगों का भी ध्यान रखेगी।

दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश के 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर राज्य के उन श्रमिकों को सहायता पहुंचाने का आग्रह किया है जो कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन के बाद जगह-जगह फंस गए हैं। 

बनर्जी ने पत्र में लिखा, ‘‘बंगाल के कई कामगार देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे हैं जिनमें अर्द्ध कुशल और अकुशल दोनों श्रेणी के हैं। देश में कोविड-19 महामारी की वजह से पूरी तरह बंद के कारण पश्चिम बंगाल के कई कामगार वापस नहीं आ सके और विभिन्न जगहों पर फंस गये हैं।’’ ममता बनर्जी का यह पत्र महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, दिल्ली, ओडिशा, कर्नाटक और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को मिला है। 

इसमें बनर्जी ने कहा, ‘‘हमें सूचना मिली है कि बंगाल के मूल निवासी ऐसे कई श्रमिक आपके राज्य में भी फंसे हुए हैं। हमें उनके लिए आपात स्थिति में फोन आ रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्य तौर पर वे 50-100 के समूह में हैं और स्थानीय प्रशासन आसानी से उन्हें पहचान सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें कोई मदद नहीं पहुंचा सकते, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया अपने प्रशासन को उन्हें संकट के इस समय में बुनियादी आसरा, भोजन और चिकित्सा सहायता मुहैया कराने को कहें।’’ बनर्जी ने यह भी लिखा, ‘‘हम बंगाल में में फंस गये ऐसे लोगों की देखभाल कर रहे हैं।’’ 

इस बीच कोलकाता में राज्य के परिवहन सचिव एन एस निगम ने गुरूवार को बताया कि यहां हावड़ा स्टेशन पर ट्रेन सेवाएं निलंबित होने के कारण फंस गये सैकड़ों लोगों को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा बसों से उनके गंतव्यों तक भेजा गया है। इनमें से अधिकतर लोग शनिवार आधी रात से स्टेशन परिसर के बाहर वक्त गुजारने को मजबूर थे और घर वापसी के लिए बहुत परेशान थे। इसके बाद अधिकारी उनके बचाव के लिए आए। पूर्वी रेलवे के अधिकारियों ने दावा किया कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने उन्हें सुरक्षा प्रदान की और भोजन भी उपलब्ध कराया जिसके बाद उन्हें राज्य सरकार की बसों से गंतव्यों तक ले जाया गया। इनमें से अधिकतर लोग असम के थे और देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे थे। वे पिछले सप्ताह कई राज्यों में बंद के हालात बनने के बाद अपने घरों को वापस जा रहे थे लेकिन हावड़ा पहुंचकर फंस गये। 

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