लॉकडाउन के बीच पैदल चल रहे इन मजदूरों का भी दर्द सुनिए, किसी को मालिक ने काम से निकाला तो कोई तीन दिन से भूखा
By धीरज पाल | Updated: March 28, 2020 13:53 IST2020-03-28T13:53:49+5:302020-03-28T13:53:49+5:30
लॉकडाउन के दौरान काम नहीं होने की वजह से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के आसपास के अन्य राज्यों में काम करने वाले उन मजदूरों का जत्था प्रदेश की सीमा से सटे जिलों में देखा जा सकता है जो पैदल ही अपने गंतव्य की ओर चल पड़ा है।

कोरोना संकट के बीच सैकड़ों किलोमीटर दूरी तय करने को मजबूर लोग (Photo source- ani)
नई दिल्ली: भारत में कोविड-19 के मामले शनिवार को बढ़कर 873 हो गए और संक्रमण के कारण 19 लोगों की मौत हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह साढ़े नौ बजे अपने ताजा आंकड़ों में दो और लोगों की कोविड-19 से मौत होने की जानकारी दी है। इस महामारी से भयभीत और लॉकडाउन के बीच लोग सैकड़ों किलोमीटर दूर पैदल यात्रा करने को मजबूर हैं। कई मुसीबतों के बीच देश के कोने-कोने में बसे लोग अपने परिवार संग पैदल यात्रा कर अपनी गांव की तरफ कूच कर रहे हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान चंडीगढ़ में फंसे लोग अपने परिवार और जरूरी सामान के साथ पैदल गांव वापिस जाते हुए। चंडीगढ़ से पदैल मध्य प्रदेश में स्थित अपने गांव जा रहे एक मजदूर ने कहा कि उसके पास खाने पीने के लिए कुछ नहीं है मजदूरी भी नहीं है इसलिए मध्य प्रदेश अपने गांव के लिए पैदल ही जा रहे हैं।
चंडीगढ़: लॉकडाउन के दौरान चंडीगढ़ में फंसे लोग अपने परिवार और जरूरी सामान के साथ पैदल गांव वापिस जाते हुए। एक यात्री- खाने पीने के लिए कुछ नहीं है मजदूरी भी नहीं है इसलिए मध्य प्रदेश अपने गांव के लिए पैदल ही जा रहे हैं। pic.twitter.com/Ykw7qPdADc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 28, 2020
पैदल निकले यात्रियों के लिए बस की सुविधा
वहीं, देश भर में जारी लॉक डाउन के दौरान अपने घरों की ओर पैदल निकले यात्रियों को उनके गांव वापिस जाने के लिए बस मुहैया करवाई गई। गाजियाबाद, गांव जा रहे लोगों को बस मुहैया करवाए जाने पर ट्रैफिक इंस्पेक्टर परमहंस तिवारी ने कहा कि जो पब्लिक अपने घरों को जा रही है काफी लोग एक जगह पर इकट्ठा हो चुके हैं इसलिए उन्हें जिला अधिकारी महोदय के आदेश से सरकारी बसों और प्राइवेट बसों की मदद से सुरक्षित उनके गांव भेजा जा रहा है।
गाजियाबाद, गांव जा रहे लोगों को बस मुहैया करवाए जाने पर ट्रैफिक इंस्पेक्टर परमहंस तिवारी: जो पब्लिक अपने घरों को जा रही है काफी लोग एक जगह पर इकट्ठा हो चुके हैं इसलिए उन्हें जिला अधिकारी महोदय के आदेश से सरकारी बसों और प्राइवेट बसों की मदद से सुरक्षित उनके गांव भेजा जा रहा है। https://t.co/AcfDoGmzO1pic.twitter.com/aNAwKRVF5s
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 28, 2020
योगी ने की उप्र, बिहार के लोगों के लिए 1000 बसों का इंतजाम कर उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने की पहल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे राज्यों से लौटे, प्रदेश के और बिहार के लोगों के लिए रातों रात 1000 बसों का इंतजाम कर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने की पहल की। प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने शनिवार को समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि दूसरे राज्यों से आए उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के लिए व्यवस्था करने की खातिर मुख्यमंत्री योगी रात भर जागते रहे। अधिकारी ने बताया कि परिवहन अधिकारी, ड्राइवर एवं कंडक्टर रातों-रात घरों से जगा कर बुलाए गए।
उन्होंने कहा, "रातों रात ही 1000 बसों का इंतज़ाम किया गया।" दिल्ली और अन्य जगहों से बड़ी संख्या में लोग विशेषकर मजदूर नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर और अलीगढ़ जैसी जगहों पर पहुंचे थे । अधिकारी ने कहा, "मुख्यमंत्री योगी ने रात भर जाग कर नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़ आदि इलाक़ों में 1000 से ज्यादा बसें लगाकर इनको गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई ।
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान काम नहीं होने की वजह से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के आसपास के अन्य राज्यों में काम करने वाले उन मजदूरों का जत्था प्रदेश की सीमा से सटे जिलों में देखा जा सकता है जो पैदल ही अपने गंतव्य की ओर चल पड़ा है। ये लोग अपने घर वापस लौटना चाहते हैं। हालांकि लॉकडाउन के कारण लोगों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है।