Lockdown: गरीबी और लॉकडाउन के चलते परिवार वाले दिल्ली से गोरखपुर स्थित घर नहीं ला सके शव, किया सांकेतिक अंतिम संस्कार

By भाषा | Updated: April 21, 2020 19:54 IST2020-04-21T19:54:43+5:302020-04-21T19:54:43+5:30

मृतक सुनील का परिवार कथित रूप से आर्थिक तंगी से गुजर रहा है तथा साथ ही लॉकडाउन की वजह से वह दिल्ली जाकर शव लाने की स्थिति में भी नहीं था। ऐसे में परिवार ने मजबूरन सांकेतिक रूप से अंतिम संस्कार कर दिया।

Lockdown: Due to poverty and lockdown, dead body could not be brought home from Delhi to Gorakhpur, symbolic funeral performed | Lockdown: गरीबी और लॉकडाउन के चलते परिवार वाले दिल्ली से गोरखपुर स्थित घर नहीं ला सके शव, किया सांकेतिक अंतिम संस्कार

हजारों किलोमीटर दूर परिवार के लोगों ने किया सांकेतिक अंतिम संस्कार

Highlightsमृतक सुनील के पिता राधेश्याम ने 'भाषा' को बताया, 'उन्होंने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन अस्पताल में होने की वजह से बात नहीं हो सकी।गत 11 अप्रैल को ठेकेदार ने उसके परिजन को फोन करके सुनील के स्मॉलपॉक्स से पीड़ित होने के बारे में बताया था।

गोरखपुरगरीबी और लॉकडाउन की बंदिशों के कारण शव घर ना ला सके गोरखपुर निवासी एक परिवार ने दिल्ली में मरे अपने एक सदस्य का मजबूरन सांकेतिक रूप से अंतिम संस्कार कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार गोरखपुर के चौरी—चौरा थाना क्षेत्र के डुमरी खुर्द गांव का रहने वाला पांच बच्चों का पिता सुनील दिल्ली में काम करता था, जहां कथित रूप से स्मॉलपॉक्स की समस्या होने के बाद 14 अप्रैल को उसकी मौत हो गयी। जानकारी के अनुसार सुनील का परिवार कथित रूप से आर्थिक तंगी से गुजर रहा है तथा साथ ही लॉकडाउन की वजह से वह दिल्ली जाकर शव लाने की स्थिति में भी नहीं था।

लिहाजा परिजन ने पिछले हफ्ते सुनील के एक साल के बेटे के हाथों उसका सांकेतिक रूप से अंतिम संस्कार करा दिया। चौरी—चौरा के उपजिलाधिकारी अर्पित गुप्ता ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली में शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद बुधवार को उसका वहीं पर अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा। सुनील दिल्ली में एक ठेकेदार के लिये काम करता था। गत 11 अप्रैल को ठेकेदार ने उसके परिजन को फोन करके सुनील के स्मॉलपॉक्स से पीड़ित होने के बारे में बताया था।

सुनील के पिता राधेश्याम ने 'भाषा' को बताया, 'उन्होंने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन अस्पताल में होने की वजह से बात नहीं हो सकी और 14 अप्रैल को एक पुलिसकर्मी ने फोन कर सुनील की मौत के बारे में बताया। हम उसका शव अपने घर नहीं ला सके, क्योंकि इसके लिये 25000 रुपये चुकाने थे। इतनी बड़ी रकम हमारे पास नहीं थी।' सुनील की पत्नी पूनम ने उपजिलाधिकारी अर्पित गुप्ता के जरिये दिल्ली पुलिस को लिखे पत्र में आग्रह किया था कि वह शव का वहीं पर अंतिम संस्कार करा दे।

इधर, गत गुरुवार को परिवार के लोगों ने गांव में सुनील के शव का सांकेतिक रूप से अंतिम संस्कार कर दिया। उपजिलाधिकारी ने बताया कि सुनील के परिजन द्वारा सांकेतिक रूप से अंतिम संस्कार किये जाने के बाद पूरा गांव शोक में है। हालांकि कुछ लोगों की मदद से हमने सुनील की पत्नी के बैंक खाते में 75 हजार रुपये भेजे हैं और परिवार के लिये राशन तथा अन्य खाद्य सामग्री भी उपलब्ध कराया गया है । गुप्ता ने बताया कि हम सुनील के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलाएंगे और शव का पोस्टमार्टम होने के बाद उसकी मौत के असल कारण पता लगेगा। उन्होंने बताया कि उसके बाद परिवार को सरकारी मदद भी दिलायी जाएगी। भाषा सं. सलीम देवेंद्र रंजन रंजन

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