स्मृति सभा: कांपते होठों से अटल जी को याद कर भावुक हुए आडवाणी, बताया किस बात का था रंज
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: August 20, 2018 20:19 IST2018-08-20T20:06:06+5:302018-08-20T20:19:29+5:30
सोमवार को दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए सर्वदलीय शोक सभा का आयोजन हुआ।

Lal Krishna Advani
नई दिल्ली, 20 अगस्त: पूर्व-प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद उनकी याद में राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में सोमवार को स्मृति सभा का आयोजन किया गया.
इस सभा में बीजेपी और गैर बीजेपी दलों के नेताओं ने भी हिस्सा लिया. सभी नेताओं ने वाजपेयी जी को अपने-अपने तरीके से याद किया और उनसे जुड़ी घटनाओं को भी साझा किया.
इस कड़ी में लालकृष्ण आडवाणी भी कांपते हाथों के साथ मंच पर पहुंचे और अटल जी के साथ लंबे समय तक बिताए गए संबधों का जिक्र किया.
आडवाणी ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वह कभी किसी ऐसी सभा को संबोधित करेंगे जहां अटल जी न हों.
राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में सोमवार को दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए सर्वदलीय शोक सभा का आयोजन हुआ।
आडवाणी जी ने कहा कि 'ये मेरा सौभाग्य है कि अटल जी के साथ मेरी मित्रता 65 सालों तक रही'.
एक और किस्से का जिक्र करते हुए आडवाणी जी कहते हैं कि उन्होंने एक किताब लिखी थी जिसमें अटल जी का भी जिक्र था और उन्होंने किताब के विमोचन के लिए अटल जी को बुलाया था लेकिन वह पहुंच नहीं सके. इस बात का उन्हें बहुत दुख हुआ था.
आडवाणी ने कहा कि अटल जी खाना बहुत बढ़िया पकाते थे चाहे वह खिचड़ी ही क्यों न हो. उन्होंने अटल जी हाथ का बना खाना कई बार खाया.
आडवाणी जी ने कहा कि उन्हें बहुत दुख होता है कि अटल जी उन्हें छोड़कर चले गए. आडवाणी जी का दुख स्वाभाविक भी है क्योंकि दोनों का साथ बरसों पुराना है. भारत की राजनीति में दोनों साथ-साथ चले हैं.
बाकी नेताओं में पीएम मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद आदि थे.
गुलाम नबी ने कहा कि अपने दल के नेताओं के अलावा यदि वो किसी बड़े नेता का भाषण सुनने जाते थे तो वो श्री अटल जी थे. स्मृति सभा में सभी नेताओं के एक जगह इकट्ठा होने पर गुलाम नबी ने कहा कि अटल जी ने जाते-जाते सबको एक कर गए.