त्रिपुरा, केरल, बंगाल में वामपंथी दलों ने किसानों पर अत्याचार किया, कृषि कानूनों पर कर रहे पाखंड: भाजपा

By भाषा | Updated: December 23, 2020 20:58 IST2020-12-23T20:58:35+5:302020-12-23T20:58:35+5:30

Left parties torture farmers in Tripura, Kerala, Bengal, hypocrisy on agricultural laws: BJP | त्रिपुरा, केरल, बंगाल में वामपंथी दलों ने किसानों पर अत्याचार किया, कृषि कानूनों पर कर रहे पाखंड: भाजपा

त्रिपुरा, केरल, बंगाल में वामपंथी दलों ने किसानों पर अत्याचार किया, कृषि कानूनों पर कर रहे पाखंड: भाजपा

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर तीन कृषि कानूनों पर वामपंथी दलों के रुख को उनका ‘‘पाखंड’’ बताते हुए भाजपा ने बुधवार को आरोप लगाया कि त्रिपुरा, केरल और पश्चिम बंगाल में अपने शासन के दौरान उसने किसानों पर ‘‘अत्याचार’’ किए।

पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जहां भी वामपंथी दल शासन में रहे वहां किसानों और अर्थव्यवस्था के लिए ‘‘कुछ नहीं बचा’’।

उन्होंने कहा, ‘‘1993 से 2018 तक त्रिपुरा में वामपंथ की सरकार रही और मुझे बताते हुए दुख हो रहा है कि 25 वर्षों तक किसी भी फसल पर कोई भी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) नहीं थी। त्रिपुरा एकमात्र ऐसा राज्य था जहां एमएसपी लागू नहीं होती थी। ये तमाम वामपंथी नेता, जिन्होंने किसानों पर अत्याचार किए, वे आज किसान हितैषी बने हुए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की सरकार 2018 में आई तो सबसे पहला काम उसने धान की सरकारी खरीदी की की। सरकार ने 48,716 टन धान 27,735 किसानों से 86.65 करोड़ रुपये में खरीदे। वामपंथी शासन के अधीन जो किसान 10 से 12 रुपये प्रति किलो की दर से बेचता था वही अभी भाजपा के शासन में 18.5 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रहा है।’’

पात्रा ने दावा किया कि जब त्रिपुरा में वामपंथ की सत्ता थी तब 2017-18 में कृषि विकास की दर मात्र 6.4 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा, ‘‘अब भाजपा की सत्ता है त्रिपुरा में। पिछले लगातार दो सालों 2018-2019 और 2020-2021 में कृषि विकास की दर बढ़कर 13.5 प्रतिशत हो गई।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जहां-जहां वामपंथी दलों का शासन रहा है वहां -वहां किसानी डूबी है, वहां-वहां किसानों पर अत्याचार हुआ है। जब-जब भाजपा आई है किसान आगे बढ़ा है। जहां लेफ्ट शासन में होता है, वहां किसानों का...अर्थव्यवस्था का कुछ बचता नहीं है। सब कुछ समाप्त हो जाता है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि केरल में वामपंथी दलों के कार्यकर्ता मंडियां चलाते थे जहां निजी कंपनियां उत्पादों की खरीद बिक्री करती थीं।

भाजपा प्रवक्ता ने पश्चिम बंगाल में कृषि उपज विपणण समिति (एपीएमसी) कानून का मुद्दा उठाया और कहा कि वामपंथी सरकार ने इसमें संशोधन कर इसका गलत इस्तेमाल किया।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वामपंथी शासन के दौरान मंडियां तो थीं लेकिन किसानों को वहां पहुंचने से पहले फर्जी टोल गेटों पर ‘तोला’ कर (जबरन वसूली) देना होता था। यह अभी भी तृणमूल कांग्रेस के शासन में जारी है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में आलू का बहुत उत्पादन हुआ करता था और वामपंथी दलों ने अपने शासन में पैक चिप्स बेचने वाली कपंनियों का किसानों के साथ करार की शुरुआत की।

पात्रा ने कहा, ‘‘लेकिन जब हम अनुबंध खेती की बात करते हैं तो वामपंथी दल हमारे ऊपर किसानों को उद्योगपतियों के हाथों बेचने का आरोप लगा रहे हैं।’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि वह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का राजनीतिकरण कर रही हैं जिसके तहत किसानों के खाते में पैसे सीधे हस्तांतरित किए जाते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री चाहती है कि वे पैसे सीधे राज्य सरकार के पास पहुंचे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Left parties torture farmers in Tripura, Kerala, Bengal, hypocrisy on agricultural laws: BJP

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे