चीनी दूतावास के पत्र पर सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की

By भाषा | Updated: December 31, 2021 17:56 IST2021-12-31T17:56:45+5:302021-12-31T17:56:45+5:30

Lawmakers reacted strongly to the letter from the Chinese embassy | चीनी दूतावास के पत्र पर सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की

चीनी दूतावास के पत्र पर सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर तिब्बत की निर्वासित संसद की मेजबानी वाले समारोह में शामिल होने वाले कई भारतीय सांसदों को चीनी दूतावास द्वारा पत्र लिखे जाने के मुद्दे पर शुक्रवार को तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया व्यक्त की गई और कई प्रमुख सांसदों ने चीनी मिशन की आलोचना करते हुए कहा कि यह मामला उसके दायरे में नहीं आता है।

पिछले सप्ताह दिल्ली में आयोजित रात्रिभोज में विभिन्न राजनीतिक दलों के कम से कम छह सांसदों ने हिस्सा लिया था ।

इसके बाद सर्वदलीय इंडियन पार्लियामेंट्री फोरम के कुछ सदस्यों को चीनी दूतावास द्वारा लिखे गए पत्र में समारोह में हिस्सा लेने पर चिंता व्यक्त की गई थी और उनसे तिब्बती ताकतों को समर्थन देने से बचने को कहा गया था ।

फोरम के संयोजक सुजीत कुमार ने कहा कि भारतीय सांसदों को पत्र लिखना चीनी दूतावास के दायरे में नहीं आता है।

इस मामले में सरकार की ओर से अभी प्रतिक्रिया नहीं आई है। सामान्य तौर पर भारत अपने देश के आंतरिक मामले में किसी विदेशी दूतावास की टिप्पणी को स्वीकार नहीं करता है।

चीनी दूतावास का यह पत्र ऐसे समय में आया है जब पहले से ही पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं ।

बीजद सांसद सुजीत कुमार ने कहा कि उन्हें पत्र नहीं मिला है लेकिन कई अन्य सांसदों को पत्र मिला है।

उन्होंने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘ मैं व्यक्तिगत रूप से पत्र को विशेषाधिकार हनन के तौर पर देखता हूं । ’’

उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब चीनी दूतावास ने इस तरह से लिखा है, वह पहले भी कई अवसरों पर लिख चुका है।

कुमार ने कहा कि भारतीय सांसदों को पत्र लिखना दूतावास के दायरे में नहीं आता है । अगर कोई मुद्दा था तो वे विदेश मंत्रालय को लिख सकते थे । यह प्रोटोकाल का उल्लंघन है।

उन्होंने कहा कि तिब्बत की निर्वासित सरकार के साथ भारतीय सांसदों की मुलाकात राजनीतिक सम्पर्क नहीं था और इसका मकसद संस्कृति और कारोबार संबंधों को बढ़ावा देना था ।

उन्होंने कहा कि हमने विदेश मंत्रालय या भारत सरकार की ओर से तिब्बत की निर्वासित सरकार के साथ मुलाकात नहीं की थी । हम राजनीतिक गतिविधि से जुड़ना नहीं चाहते बल्कि लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क को बढ़ावा देना चाहते हैं ।

कुमार ने कहा कि फोरम का इरादा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला की यात्रा करने और आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा से मुलाकात करने का नहीं है।

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि मेरा ध्यान कुछ अंग्रेजी अखबारों में प्रकाशित रिपोर्ट पर गया है लेकिन न तो मुझे ऐसा कोई पत्र मिला है और न ही मैं ऐसी किसी मुर्खतापूर्ण बात पर प्रतिक्रिया दूंगा ।

उन्होंने कहा कि अगर वांग यी (चीनी विदेश मंत्री) कुछ कहते तो मैं प्रतिक्रिया देने के बारे में सोच सकता था।

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Web Title: Lawmakers reacted strongly to the letter from the Chinese embassy

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