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केरल में कानून व्यवस्था खत्म हो गई है : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री

By भाषा | Updated: December 20, 2021 19:42 IST

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कोच्चि, 20 दिसंबर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सोमवार को कहा कि केरल में कानून-व्यवस्था समाप्त हो गई है जिसके चलते राज्य में राजनीतिक मतभेदों पर हत्याएं हो रही हैं और एलडीएफ सरकार से भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ आगे किसी भी हमले को रोकने के लिए कहा।

मंत्री ने कहा कि अगर अपराधी सड़कों पर खुलेआम घूम रहे हैं और लोगों को उनके घरों के अंदर मार दिया जा रहा है, जैसे कि हाल ही में भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राज्य सचिव रंजीत श्रीनिवास की हत्या हुई, तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।

भाजपा के दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने केरल आए राय ने कहा कि दक्षिणी राज्य में जो हो रहा है, वह शर्मनाक है। उन्होंने राज्य सरकार से अपनी कानून-व्यवस्था में सुधार करने को कहा।

उन्होंने कहा कि श्रीनिवास की हत्या राज्य सरकार की “तुष्टिकरण की राजनीति” और भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के जीवन की रक्षा के लिए उनकी “निष्क्रियता” का संकेत देती है, क्योंकि उनमें से दो सौ से अधिक पिछले कुछ वर्षों में केरल में मारे गए हैं।

उन्होंने कहा, “मैं प्रदेश सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूं कि इस तरह की कानून-व्यवस्था लोकतंत्र के लिये अच्छी नहीं है।”

उन्होंने सुबह कोच्चि पहुंचने पर जो कहा था, उसे फिर दोहराया कि केरल सरकार हाल ही में हुई श्रीनिवास और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल लोगों की रक्षा करने सहित किसी भी तरह का सहारा लेकर दक्षिणी राज्य में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता को कुचलने का प्रयास कर रही है।

श्रीनिवास की रविवार सुबह अलप्पुझा में उनके घर के अंदर उनके परिवार के सामने हमलावरों के एक समूह द्वारा हत्या कर दी गई थी।

पुलिस ने कहा था कि उसे संदेह है कि श्रीनिवास की हत्या शनिवार को एसडीपीआई के राज्य सचिव के एस शान की हत्या के प्रतिशोध में की गई थी।

केन्द्रीय मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि केरल में कानून-व्यवस्था की स्थिति ‘‘खराब’’ है, जिसके चलते हत्या की ये घटनाएं हो रही हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘ राज्य सरकार हरेक तरीके से, भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता और उसके लिए जनता के बढ़ते समर्थन को कुचलने की कोशिश कर रही है। ऐसा करने के लिए वह हत्या में शामिल लोगों को बचा रही है...।’’

मंत्री ने कहा कि वह केवल राज्य सरकार से यही कहना चाहते हैं कि वह इन मामलों की उचित तरीके से जांच करे और दोषियों को गिरफ्तार करे।

इन घटनाओं के बाद अलप्पुझा जिले में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सर्वदलीय बैठक को हालांकि बाद में मंगलवार के लिये टाल दिया गया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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