जम्मू-कश्मीर: अमरनाथ यात्रा के लिए अंतिम जत्था रवाना, इस बार 2.84 लाख श्रद्धालु हुए शामिल

By सुरेश डुग्गर | Updated: August 24, 2018 18:06 IST2018-08-24T18:06:51+5:302018-08-24T18:06:51+5:30

अमरनाथ यात्रा को संपन्न होने में दो दिन शेष हैं। रविवार को श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का त्यौहार है और इसी दिन पवित्र छड़ी पूजन के साथ ही अमरनाथ यात्रा संपन्न हो जाएगी।

Last tranch of devotees leave for amarnath today, 2.84 lakh devotees went on pilgrimage this year in Jammu and Kashmir | जम्मू-कश्मीर: अमरनाथ यात्रा के लिए अंतिम जत्था रवाना, इस बार 2.84 लाख श्रद्धालु हुए शामिल

जम्मू-कश्मीर: अमरनाथ यात्रा के लिए अंतिम जत्था रवाना, इस बार 2.84 लाख श्रद्धालु हुए शामिल

श्रीनगर, 24 अगस्त: वार्षिक अमरनाथ यात्रा के मुख्य दर्शनों की खातिर आज जम्मू से आखिरी जत्था रवाना हुआ। रविवार को श्रावण पूर्णिमा के दिन अंतिम दर्शन होंगे। इस बार अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड को 2.84 लाख दर्शनार्थियों की संख्यासे ही संतोष करना होगा। साठ दिनों की यात्रा में 34 लोगों की विभिन्न कारणों से मौतें हुई हैं।

अमरनाथ यात्रा तीन दिन तक स्थगित रहने के बाद शुक्रवार को फिर से शुरू हुई। भगवती नगर आधार शिविर से 137 यात्रियों के जत्थे को हरी झंडी दिखाकर श्रीनगर के लिए रवाना किया गया। श्रद्धालुओं को सात गाडिय़ों में सुरक्षा के साथ रवाना किया गया।

अमरनाथ यात्रा को संपन्न होने में दो दिन शेष हैं। रविवार को श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन का त्यौहार है और इसी दिन पवित्र छड़ी पूजन के साथ ही अमरनाथ यात्रा संपन्न हो जाएगी। गौरतलब है कि कश्मीर में बकरीद थी और सुरक्षा कारणों से यात्रा को तीन दिनों के लिए स्थगित किया गया था।

यात्रा में पहले दिन से ही उत्साह था, लेकिन कई बार मौसम खराब होने और कश्मीर बंद के चलते जम्मू से यात्रा रोकी गई। पिछले तीन दिन से यात्रा जम्मू से रवाना नहीं की गई है। अब यात्रा संपन्न होने में मात्र दो दिन शेष रह गए हैं।

खराब मौसम और कश्मीर के हालात के बाद वह दिन अमरनाथ यात्रा के लिए सबसे बुरा उस समय साबित हुआ जब यात्रा का प्रतीक हिमलिंग पिघल गया। हालांकि 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में इस बार 18 फुट ऊंचा हिमलिंग बनने पर सभी खुश थे। पर थोड़े से ही श्रद्धालुओं के दर्शनों के बाद इसका पिघल जाना कई सवाल पैदा कर गया।

इसमें कश्मीर में पिछले कई महीनों से फैली हिंसा ने अपना जबरदस्त तड़का जरूर लगाया। नतीजा सामने था। अमरनाथ यात्रा की वाट लग गई। यह वाट कितनी लगी इससे स्पष्ट होता था कि आज अमरनाथ यात्रा के लिए सिर्फ 137 श्रद्धालु रवाना हुए। जबकि परसों श्रावण पूर्णिमा को यात्रा का अंतिम दिन है। श्राइन बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या 2.84 लाख को ही पार कर पाई है।

वर्ष 2012 में 6,21,145 श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा की थी और इस दौरान 98 लोगों की स्वास्थ्य कारणों से मृत्यु हो गयी। इसके अलावा 42 तीर्थयात्री सड़क दुर्घटनाओं और अन्य कारणों से जान गंवा बैठे। साल 2011 में 6,35,611 तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ दर्शन किये थे और इस दौरान 106 यात्रियों की मौत हो गयी।

हालांकि इस साल मेडिकल संबंधी कारणों से मृतक संख्या कम रही है क्योंकि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने 13 साल से कम तथा 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और छह सप्ताह या उससे अधिक अवधि की गर्भवती महिलाओं के यात्रा में शामिल होने पर रोक लगाई है।

पिछले कुछ वर्षों से यह देखने को मिल रहा था कि आतंकी हमले अमरनाथ श्रद्धालुओं में नए उत्साह का संचार करते रहे और प्रत्येक आतंकी घटना के उपरांत यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या और बढ़ जाती थी जिस कारण प्रशासन के लिए परेशानियां पैदा होती थीं।

आधिकारिक रिकार्ड के मुताबिक, वर्ष 1997 के उपरांत यात्रा पर आतंकी खतरा और बढ़ा था लेकिन वाबजूद उसके वर्ष 1998, 1999, 2000 तथा 2001 में क्रमशः 1.40 लाख, 1.14 लाख, 1.74 लाख तथा 1.50 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें सभी खतरों पर पार पाते हुए भाग लिया था।

फिर इसके बाद अमरनाथ यात्रा में जबरदस्त उछाल आया तो 2011 में 6.35 लाख, 12 में 6.21 लाख, 12 में 3.53 लाख, 14 में 3.73 और 2015 में 3.52 लाख तथा 2016 में 2.20 लाख श्रद्धालु शामिल हुए थे।

Web Title: Last tranch of devotees leave for amarnath today, 2.84 lakh devotees went on pilgrimage this year in Jammu and Kashmir

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