नई दिल्ली: वरिष्ठ नेता और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का गुरुवार को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। यादव 75 वर्ष के थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री यादव के परिवार में उनकी पत्नी, एक पुत्री और एक पुत्र हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित कई नेताओं ने शरद यादव को उनके आवास पर श्रद्धांजलि दी।
यादव का अंतिम संस्कार मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में उनके पैतृक गांव आंखमऊ में होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने मार्च 2022 में अपने लोकतांत्रिक जनता दल का राजद में विलय कर दिया था। शरद यादव 1970 के दशक में कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल चर्चा में आए और फिर दशकों तक राष्ट्रीय राजनीति की दशा-दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे।
विश्वनाथ प्रताप सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व वाली सरकारों में मंत्री रहे यादव हाल के वर्षों में खराब सेहत के कारण राजनीति में बहुत सक्रिय नहीं थे। सात बार के लोकसभा सदस्य रहे यादव गुर्दे की बीमारी से काफी समय से पीड़ित थे और उन्हें नियमित डायलसिस कराना पड़ता था। वर्ष 1990 में लालू प्रसाद यादव के पहली बार बिहार का मुख्यमंत्री बनने में शरद यादव के समर्थन को महत्वपूर्ण माना गया था।