चारा घोटाला केस में CBI कोर्ट ने पूछे 32 सवाल, अपने ही अंदाज में लालू प्रसाद यादव ने दिए जवाब, 3 घंटे चली सुनवाई
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 17, 2020 07:51 AM2020-01-17T07:51:22+5:302020-01-17T07:51:22+5:30
झारखंड उच्च न्यायालय ने चारा घोटाले से जुड़े दुमका कोषागार से धन के गबन के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका छह दिसंबर 2019 को खारिज कर दी थी।
राजद अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद याज 16 जनवरी 2020 को रांची चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार से 139 करोड़, 35 लाख रुपए की अवैध निकासी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में पेशी हुई. न्यायाधीश सुधांशु कुमार शशि के समक्ष आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के तहत उनका बयान दर्ज किया गया. न्यायाधीश ने लालू से कुल 32 सवाल पूछे जिनका लालू यादव ने अपने अंदाज में जवाब दिया और दावा किया कि इस मामले में उन्हें जो लोग गलत मिले उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के उन्होंने ही निर्देश दिए और बाद में स्वयं उन्हें इसमें फंसाया गया.
लालू ने दावा किया कि वह इस घोटाले में कहीं से भी शामिल नहीं हैं. डोरंडा मामले में लगभग तीन घंटे तक चली लालू की गवाही पूरी हो गई. यह रांची में लालू के खिलाफ चारा घोटाले का पांचवां और अंतिम मामला है. इससे पूर्व अन्य सभी चार मामलों में लालू के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालतें अपना फैसला सुना चुकी हैं और सभी मामलों में लालू को चौदह वर्ष से लेकर साढ़े तीन वर्ष तक की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई जा चुकी है.
फिलहाल, वह न्यायिक हिरासत में रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनकी इलाज चल रहा है. लालू का इलाज कर रहे चिकित्सक डी.के. झा ने कहा कि लालू का स्वास्थ्य ठीक है जिसके चलते उन्हें अदालत में पेश होने के लिए फिट घोषित किया गया. चारा घोटाले में लालू के खिलाफ छठां और अंतिम मामला बिहार के भागलपुर में चल रहा है.
कोर्ट में पेश किए गए 1000 हजार कागज सीबीआई के जांच अधिकारी ने बताया कि डोरंडा कोषागार मामले में पहले सीबीआई ने 170 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी लेकिन जांच के दौरान अन्य के खिलाफ सबूत नहीं पाए गए. इस मामले में ग्यारह बक्सों में बंद एक हजार से अधिक कागजात अदालत में पेश किए गए हैं.