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लक्षद्वीप निवासियों ने नारियल के पेड़ के पत्तों के साथ विरोध प्रदर्शन किया

By भाषा | Updated: June 28, 2021 14:06 IST

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कोच्चि, 28 जून लक्षद्वीप के निवासियों ने घरों के आस-पास नारियल पेड़ के पत्ते, तने या नारियल के खोल पाए जाने पर जुर्माना लगाने के प्रशासन के आदेश के खिलाफ समूचे द्वीप में “नारियल के पत्ते एवं झाड़ों” के साथ प्रदर्शन किया।

“पलवार शुरू करें” और “जुर्माना लगाना बंद करें” लिखी तख्तियां हाथों में लिए द्वीप निवासी सेव लक्षद्वीप फोरम के बैनर तले अपने घरों के सामने पड़ी नारियल की पत्तियों के ढेर के सामने खड़े हुए और प्रशासन से “जन-विरोधी’ आदेश वापस लेने की अपील की।

मल्चिंग यानी पलवार मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए, नमी के वाष्पीकरण को रोकने और खरपतवार की वृद्धि को रोकने के लिए मिट्टी की सतह पर सामग्री की परत लगाने को कहा जाता है।

घंटे भर चले प्रदर्शन में , द्वीप वासियों ने प्रशासन से उनपर जुर्माना लगाने का फैसला वापस लेने और नारियलों से जैविक सामग्रियों को खाद में बदलने की प्रौद्योगिकी लाने की अपील की ताकि मिट्टी की उर्वरक शक्ति एवं गुणवत्ता को सुधारा जा सके।

लक्षद्वीप से सांसद मोहम्मद फैजल पीपी ने पीटीआई-भाषा को बताया, “हमारी मांग है कि लोगों पर लगाया जाने वाला जुर्माने का आदेश वापस लिया जाए और उचित अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली लागू की जाए। जब तक अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली लागू नहीं की जाती तब तक प्रशासन की ओर से लोगों के घर में नारियल के पत्ते और तने या फल जैसी अन्य चीजें गिरने पर जुर्माना वसूलने का कोई अधिकार नहीं है।”

उन्होंने पूछा, “द्वीप के लोगों से पत्तियों और पेड़ों के अन्य हिस्सों का वैज्ञानिक प्रसंस्करण कहां किए जाने की उम्मीद की जाती है।’’

लोकसभा सदस्य ने कहा कि द्वीप पर रहने वाला कोई व्यक्ति अपना वैज्ञानिक प्रसंस्करण इकाई या कूड़ा जलाने का संयंत्र नहीं रख सकता और यह लक्षद्वीप प्रशासन का मुख्य कर्तव्य है कि वह ऐसा केंद्र उपलब्ध कराए।

कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर द्वीपसमूह पर स्वच्छता के प्रबंधन को लेकर चार जून को जारी आदश में प्रशासन ने कहा था कि किसी भी परिसर में रह रहे प्रत्येक परिवार को अपने-अपने घर के आस-पास हर वक्त निश्चित सफाई एवं मानक बरकरार रखने होंगे। इसमें कहा गया था कि जमीन के मालिकों को पर्यावरण की स्वच्छता को प्रभावित किए बिना नारियल के खोलों, पत्तियों, तने आदि का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करना होगा।

लक्षद्वीप में द्वीपसमूह में सुधार कदमों को लागू करने के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा के आदेश के खिलाफ पिछले कई हफ्ते से प्रदर्शन हो रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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