लखीमपुर खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को कल तक जांच पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा
By विशाल कुमार | Updated: October 7, 2021 13:59 IST2021-10-07T13:35:33+5:302021-10-07T13:59:10+5:30
उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को पिछले रविवार को लखीमपुर खीरी में आठ लोगों की मौत की जांच के लिए नियुक्त किया है. उन्हें दो महीने में अपनी जांच पूरी करनी है.

फाइल फोटो.
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा पर कल तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जिसमें केंद्रीय मंत्री के बेटे की गाड़ी से कुचले जाने से चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट में आरोपियों की जानकारी और क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है कि जानकारी शामिल होनी चाहिए.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह मृतक लवप्रीत सिंह की मां को चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करे, जिन्हें मानसिक आघात के कारण अस्वस्थ बताया गया है.
उत्तर प्रदेश के दो वकीलों द्वारा पत्र लिखे जाने के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए शुरू की गई सुनवाई सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ कर रही है.
उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने माना कि पूरा मामला दुर्भाग्यपूर्ण था और कहा कि एक एसआईटी का गठन किया गया है और एक न्यायिक जांच का आदेश दिया गया है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि उचित कदम उठाए जाएंगे.
प्रसाद ने कहा कि मामले की न्यायिक जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज को नियुक्त किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को पिछले रविवार को लखीमपुर खीरी में आठ लोगों की मौत की जांच के लिए नियुक्त किया है.
राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि एक सदस्यीय आयोग को अधिसूचना जारी होने की तारीख से दो महीने के भीतर जांच पूरी करनी है.
इससे पहले, दोपहर में शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह उन दोनों वकीलों का पक्ष जानना चाहती है जिन्होंने लखीमपुर खीरी घटना में सीबीआई को शामिल करते हुए उच्च स्तरीय जांच का अनुरोध किया था।
शीर्ष अदालत ने मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को तय की है।
बता दें कि, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान तीन अक्टूबर को भड़की हिंसा में आठ लोग मारे गए थे. आरोप है कि घटना में एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया जो तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
बाद में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को पीट-पीटकर मार डाला जबकि हिंसा के दौरान एक स्थानीय पत्रकार की भी जान चली गई.
इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और अन्य के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.