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सीमा गतिरोध, संवैधानिक सुरक्षा की मांग आदि के कारण 2020 में चर्चा में रहा लद्दाख

By भाषा | Updated: January 2, 2021 18:09 IST

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(तारिक अहमद सोफी)

लेह, दो जनवरी केन्द शासित क्षेत्र का दर्जा मिलने के बाद लद्दाख भारत और चीन के बीच सात माह तक चले गतिरोध तथा क्षेत्र की पहचान और बेजोड़ संस्कृति को बचाए रखने के लिए संवैधानिक सुरक्षा की मांग आदि के कारण पूरे वर्ष चर्चा में रहा।

लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी) के चुनाव के साथ ही संवैधानिक सुरक्षा की मांग ने तेजी पकड़ी।

उप राज्यपाल आर के माथुर ने लोगों को लगातार संस्कृति,जमीन,पर्यावरण और नौकरियों का आश्वासन दिया।

माथुर ने यहां ‘लद्दाख विज़न’ पर चर्चा के लिए एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा था,‘‘ विज़न 2050 लद्दाख की वास्तविकता को दिखाने वाला और लोगों के कल्याण के बीच तालमेल दर्शाने वाला होना चाहिए। विज़न 2050 लद्दाख केन्द्रित और इसकी बेमिसाल संस्कृति और पहचान के बीच तालमेल वाला होना चाहिए।’’

अगर कोविड-19 महामारी की बात की जाए तो यहां महामारी से जान गंवाने का पहला मामला जून में सामने आया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी नामग्याल की मौत के कुछ घंटों के बाद उनमें संक्रमण की पुष्टी हुई थी। इस क्षेत्र में खास तौर पर लेह जिले में बाद के महीनों में संक्रमण के मामले बढ़े और मरने वालों की संख्या 125 पर पहुंच गई।

भारत और चीन के सैनिकों के बीच पेगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़पों के बाद पांच मई को सैन्य गतिरोध के कारण यह क्षेत्र सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में जून में ऐसी ही एक घटना में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। चीनी सैनिक भी इसमे हताहत हुए थे लेकिन चीन ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की थी। अमेरिका खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन के 35 सैनिक मारे गए हैं।

इन घटनाओं के बाद से भारत और चीन के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई ठोस हल नहीं निकला है।

एलएएचडीसी-लेह चुनाव पर उस वक्त संशय के बादल मंडराने लगे थे जब विभिन्न राजनीतिक, धर्मिक और सामाजिक संगठनों ने अपनी मांगे मनवाने के लिए ‘पीपुल्स मूवमेंट फॉर सिक्थ शिड्यूल फॉर लद्दाख’ (पीएमएसएसएल) के तले मिल कर चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की।

हालांकि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद बहिष्कार के आह्वान को वापस लिया गया और अक्टूबर माह में सफलतापूर्व चुनाव कराए गए।

चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला और पार्टी ने 26में से 15सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस नौ सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही।

स्मार्टसिटी मिशन के तहत करगिल और लेह दोनों जिलों को स्मार्ट सिटी सहयोग के लिए चुना गया है। अधिकारियों ने कहा कि अगले वर्ष यहां विकास कार्यों की बाढ़ सी आने की उम्मीद है और बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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