सीएम रघुवर दास ने कहा- श्रम बड़ी पूंजी इसलिये श्रमेव जयते, इसके श्रम के बिना हम कोई निर्माण कार्य नहीं कर सकते
By भाषा | Updated: October 27, 2019 06:23 IST2019-10-27T06:23:38+5:302019-10-27T06:23:38+5:30
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पूंजी बढ़ाने और राज्य को समृद्धशाली बनाने के लिए श्रम की बड़ी भूमिका है, इसको नकारा नहीं जा सकता। अगर ये मजदूर और सफाईकर्मी नहीं होते तो अपना झारखण्ड स्वच्छ नहीं रहता।

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झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को यहां कहा कि जिस तरह हम सत्यमेव जयते कहते हैं उसी प्रकार श्रममेव जयते भी कहना चाहिए क्योंकि श्रम बड़ी पूंजी होती है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मोरहाबादी मैदान में आयोजित श्रम सम्मान समारोह एवं दत्तोपंत ठेंगड़ी रोजगार मेले में कहा कि श्रम के बिना हम कोई निर्माण कार्य नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि पूंजी बढ़ाने और राज्य को समृद्धशाली बनाने के लिए श्रम की बड़ी भूमिका है, इसको नकारा नहीं जा सकता। अगर ये मजदूर और सफाईकर्मी नहीं होते तो अपना झारखण्ड स्वच्छ नहीं रहता। हमारे शहर को स्वच्छ बनाने वाले और निर्माण में महती भूमिका निभाने वाले पुरुषों को इस दीपावली सरकार ने उपहार स्वरूप पैंट-शर्ट का कपड़ा और महिलाओं को साड़ी और ब्लाउज देने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी को पैंट- शर्ट की सिलाई के लिए 500 रुपये एवं ब्लाउज की सिलाई हेतु 100 रुपये श्रम विभाग प्रदान करेगा। आपको ठंड से बचाने के लिए सरकार स्वेटर भी देगी। गरिमा से आप भी जीवन जिएं यह सरकार का लक्ष्य है। आठ प्रतिशत संगठित मजदूरों की आवाज उनकी यूनियन है, जबकि 92 प्रतिशत असंगठित मजदूरों की आवाज कोई नहीं। ऐसे मजदूरों की आवाज वर्तमान सरकार बनेगी।’’
सीएम ने कहा कि सरकार आपको अपने परिवार का हिस्सा मानती है। असंगठित मजदूरों को भवन निर्माण विभाग से जोड़ने हेतु तीन दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि आप अर्द्धकुशल मजदूर का दर्जा प्राप्त करें और आप को मिलने वाली राशि में तत्काल 500 रुपये की बढ़ोतरी हो जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य गठन के बाद 13 लाख असंगठित मजदूरों का निबंधन हुआ था। यह आंकड़ा 18 वर्ष का है। लेकिन वर्तमान सरकार ने असंगठित मजदूरों के निबंधन का काम शुरू किया। मात्र एक माह के अंदर 13 लाख असंगठित मजदूरों का निबंधन हुआ। इसलिए अब यह संख्या बढ़कर 26 लाख हो गई है।
उन्होंने कहा कि छूटे हुए श्रमिक अपना निबंधन करा लें। साथ ही श्रम विभाग के अधिकारी भी घूम घूम कर ऐसे श्रमिकों का निबंधन करना सुनिश्चित करें। क्योंकि इन मजदूरों में आदिवासी, दलित, शोषित, वंचित लोग हैं। यह विभाग गरीबों के कल्याण के लिए ही कार्य कर रहा है, इस बात को समझने की जरूरत है। सभी असंगठित मजदूरों को योजना का लाभ दें। उनके बच्चों को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाएं। ताकि उन्हें रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ा जा सके।