कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई शुरू हुई, भारत ने की रिहा करने की मांग

By भाषा | Updated: February 18, 2019 16:05 IST2019-02-18T15:58:36+5:302019-02-18T16:05:58+5:30

बता दें कि 47 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में फांसी की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान ने उन पर भारत का जासूस होने के आरोप लगाए हैं.

KULBHUSHAN JADHAV: Harish salve has presented the view of India in International court | कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई शुरू हुई, भारत ने की रिहा करने की मांग

कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई शुरू हुई, भारत ने की रिहा करने की मांग

अंतराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा जासूसी के आरोप में मृत्युदंड दिए जाने के मामले में चार दिवसीय सार्वजनिक सुनवाई सोमवार को शुरू की।

बता दें कि 47 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में फांसी की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान ने उन पर भारत का जासूस होने के आरोप लगाए हैं.



 

सुनवाई की शुरुआत भारत के पक्ष से होगी, वहीं पाकिस्तान मंगलवार यानी 19 फरवरी को अपना पक्ष रखेगा. 20 फरवरी को दूसरे राउंड में पाकिस्तान द्वारा रखे गए पक्ष पर भारत जवाब देगा.

भारत 48 जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा ‘‘हास्यास्पद मुकदमे’’ में सुनाई गई सजा के खिलाफ मई 2017 में आईसीजे गया था।

भारतीय नौसेना के 48 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी।

भारत ने मामले में पहली बार आठ मई 2017 को आईसीजे से संपर्क कर कहा था कि पाकिस्तान ने जाधव तक राजनयिक संबंधी पहुंच से बार-बार इनकार कर राजनयिक रिश्तों से संबंधित 1963 की विएना संधि का ‘‘घोर उल्लंघन’’ किया है।

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय विवादों को निपटाने के लिए स्थापित आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को मामले का निपटारा होने तक जाधव की सजा पर अमल करने से पाकिस्तान को रोक दिया था।

आईसीजे ने मामले में सार्वजनिक सुनवाई के लिए 18 से 21 फरवरी तक का समय निर्धारित किया है। यह सुनवाई द हेग, नीदरलैंड स्थित पीस पैलेस में हो रही है।

भारत पहले 18 फरवरी को अपनी दलीलें पेश करेगा। वहीं, पाकिस्तान को 19 फरवरी को अभिवेदन देने का मौका मिलेगा। इसके बाद 20 फरवरी को भारत उत्तर देगा, जबकि पाकिस्तान 21 फरवरी को अपना समापन अभिवेदन देगा।

ऐसी उम्मीद है कि आईसीजे का फैसला 2019 की गर्मियों में आ सकता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने उल्लेख किया कि जाधव के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भारत सभी प्रयास करने को प्रतिबद्ध है, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक तौर पर यह स्पष्ट नहीं किया कि द हेग में नई दिल्ली क्या रुख अख्तियार करेगी।

कुमार ने पिछले सप्ताह नई दिल्ली में एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘‘भारत अदालत में अपना मामला रखेगा। क्योंकि मामला विचाराधीन है, इसलिए मेरे लिए हमारी स्थिति के बारे में सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहना उचित नहीं है। हम जो करेंगे, वह अदालत में करेंगे।’’

पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर आईसीजे में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जबकि दक्षिण एशिया मामलों के महानिदेशक मोहम्मद फैसल विदेश विभाग के पक्ष का नेतृत्व करेंगे।

सुनवाई से पहले पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उनका देश जाधव के मामले में आईसीजे के फैसले को क्रियान्वित करने को लेकर कटिबद्ध है।

पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से तीन मार्च 2016 को तब गिरफ्तार किया था जब उन्होंने ईरान से प्रवेश किया था।

वहीं, भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया जहां वह सेवानिवृत्ति के बाद व्यवसाय करने गए थे।

जाधव को सजा सुनाए जाने पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

पाकिस्तान ने आईसीजे में जाधव तक राजनयिक पहुंच के भारत के आग्रह को खारिज कर दिया था और दावा किया था कि भारत अपने ‘‘जासूस’’ द्वारा एकत्र गई सूचना तक पहुंच बनाना चाहता है।

हालांकि, पाकिस्तान ने 25 दिसंबर 2017 को इस्लामाबाद में जाधव से उनकी मां और पत्नी की मुलाकात कराई थी।

आईसीजे में यह सुनवाई ऐसे समय में हो रही है जब चार दिन पहले जम्मू कश्मीर में हुए भीषण आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 41 जवान शहीद हो गए थे।

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