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कोलकाता में कोविड प्रतिबंध फिर से लगाये जाने की जरूरत: विशेषज्ञ

By भाषा | Updated: December 26, 2021 17:10 IST

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कोलकाता, 26 दिसंबर शहर में क्रिसमस मनाने के लिए व्यस्त पार्क स्ट्रीट में मध्यरात्रि में भारी भीड़ देखे जाने के एक दिन बाद, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल सरकार को विशेष रूप से नए साल के उत्सव के दौरान इस तरह की और सभाओं की अनुमति देने के खिलाफ आगाह किया।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस तरह से भीड़ जुटती रही तो कोविड के मामलों में वृद्धि और ओमीक्रोन स्वरूप का खतरा बढ़ने की आशंका है।

विशेषज्ञों ने बताया कि राज्य के अधिकारियों की दो महीने पहले दुर्गा पूजा के दौरान भीड़ के प्रबंधन के लिए प्रशंसा की गई थी और उन्हें क्रिसमस के त्योहार के दौरान अपने सुरक्षा उपायों में ढील नहीं देनी चाहिए थी।

विशेषज्ञों का कहना है कि नए साल के जश्न के दौरान कोविड के अनुचित व्यवहार के साथ इस तरह के सामूहिक समारोहों की पुनरावृत्ति से बचने के लिए इन पर तत्काल रोक लगाने की आवश्यकता है।

बर्दवान मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संजीव बंद्योपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “ऐसा लगता है कि प्रशासन कल रात विफल रहा। इसे देखते हुए एक सख्त दृष्टिकोण होना चाहिए क्योंकि ओमीक्रोन स्वरूप के आने के साथ ही कोविड मामलों में वृद्धि की आशंका है। हमें उम्मीद हैं कि सरकार के साथ-साथ आम लोग भी अधिक जिम्मेदार होंगे।’’

भारत में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 6,987 नये मामले सामने आये जिनमें से पश्चिम बंगाल में 552 मामले दर्ज किये गये।

बेलियाघाटा आईडी अस्पताल की प्राचार्य डॉ. अनिमा हलदर ने भी पार्क स्ट्रीट में क्रिसमस की रात इतनी बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा होने देने के लिए सरकार और पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।

डा. हलदर ने कहा, “सरकार को सख्त रवैया अपनाना चाहिए था। दिल्ली राज्य सरकार ने सफलतापूर्वक ऐसा किया है, हम इसे आसानी से दोहरा सकते थे।’’

राज्य सरकार ने क्रिसमस और नए साल के दौरान नौ दिनों के लिए रात के कर्फ्यू में ढील दी है।

पीयरलेस अस्पताल के एमडी (फार्माकोलॉजी) डॉ. सुभ्रोज्योति भौमिक ने कहा, ‘‘क्रिसमस की रात के दौरान भीड़ के इकट्ठा होने से पार्क स्ट्रीट पर जो उत्साह देखा गया, उसका दूर-दूर तक असर हो सकता है। हम सभी जानते हैं कि कोविड-19 के अनुचित व्यवहार के कारण मामलों में वृद्धि होती है।’’

कोलकाता के शीर्ष रुमेटोलॉजिस्ट डॉ. श्यामसिस बंद्योपाध्याय ने कहा कि लोगों को लगता है कि महामारी का खतरा समाप्त हो गया है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आप सरकार से हर चीज की उम्मीद नहीं कर सकते। अगर इतनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होने लगें तो पुलिस प्रशासन क्या कर सकता है? आप किसी त्योहार के दौरान इतनी बड़ी भीड़ पर लाठीचार्ज नहीं कर सकते।’’

पश्चिम बंगाल सरकार ने 24 दिसंबर, 2021 से एक जनवरी, 2022 तक नौ दिनों के लिए रात 11 बजे से सुबह पांच बजे के बीच लोगों और वाहनों की आवाजाही में ढील दी है। हालांकि, रात के प्रतिबंध और अन्य कोविड उपायों को 15 जनवरी, 2022 तक बढ़ा दिया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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