प्रकृति के अनुरूप जीवन जीने का संदेश है देती है कोविड-19 महामारी : पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट

By भाषा | Updated: November 4, 2020 18:51 IST2020-11-04T18:51:41+5:302020-11-04T18:51:41+5:30

Kovid gives the message of living in harmony with nature-19 epidemic: environmentalist Chandi Prasad Bhatt | प्रकृति के अनुरूप जीवन जीने का संदेश है देती है कोविड-19 महामारी : पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट

प्रकृति के अनुरूप जीवन जीने का संदेश है देती है कोविड-19 महामारी : पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट

औली, चार नवंबर प्रख्यात पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट का कहना है कि कोविड-19 महामारी मानव जाति को अंधाधुंध उपभोक्तावाद को छोड़ने और प्रकृति के अनुरूप जीवनशैली अपनाने का संदेश देती है।

‘चिपको आंदोलन’ के लिए जाने जाने वाले 87 वर्षीय प्रसाद ने हिमालय की पारिस्थितिकी के पतन पर चिंता व्यक्त करते हुए इसके संरक्षण की मांग की।

उन्होंने कहा, " पूरी दुनिया आज कोविड संकट में जकड़ी हुई है। यह हमें इस बारे में चिंता करने का मौका देता है कि हम कहां गलत हैं। यह महामारी हमें अंधाधुंध उपभोक्तावाद को छोड़ने और पर्यावरण के अनुरूप जीवनशैली अपनाने का सबक देती है।"

भट्ट ने यह टिप्पणी मंगलवार को यहां महामारी के खिलाफ जनजागरूकता अभियान शुरू करते हुए की।

हफ्ते भर चलने वाला यह जागरूकता अभियान भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की पहल है।

भट्ट ने ग्लेशियरों के घटने, जल स्रोतों के सूखने, हरित क्षेत्र के कम होने और पहाड़ों पर भूस्खलन की बढ़ती घटनाओं समेत हिमालय की पारिस्थितिकी संबंधी घटनाओं पर चिंता व्यक्त की।

मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित ने भट्ट ने कहा, " हिमालय की पारिस्थितिकी का संरक्षण हमारी प्राथमिकताओं में होना चाहिए, क्योंकि यह हमारी नदियों का स्रोत है और इससे देश की आधे से ज्यादा आबादी एवं दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा हिस्सा प्रभावित होता है।"

भट्ट ने सामाजिक विकास के काम करने के लिए आईटीबीपी की सराहना की।

Web Title: Kovid gives the message of living in harmony with nature-19 epidemic: environmentalist Chandi Prasad Bhatt

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