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कोविड-19 से भोपाल गैस कांड के 254 पीड़ितों की मौत, डाव केमिकल दे अतिरिक्त मुआवजा : संगठन

By भाषा | Updated: December 2, 2020 20:04 IST

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भोपाल, दो दिसंबर विश्व की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी भोपाल गैस कांड की 36वीं बरसी की पूर्व संध्या पर इस त्रासदी के पीड़ितों के लिए काम कर रहे संगठनों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस संक्रमण से भोपाल जिले में 18 अक्टूबर तक भोपाल गैस त्रासदी के 254 पीड़ितों की मौत हुई है।

इस संगठनों ने कहा कि भोपाल में कोविड-19 से भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित लोगों की मृत्यु दर अन्य लोगों से करीब 6.5 गुना ज्यादा है। इसलिए कोरोना वायरस महामारी से साबित हुए दूरगामी शारीरिक क्षति के लिए यूनियन कार्बाइड और उसके वर्तमान मालिक डाव केमिकल अतिरिक्त मुआवजा दें।

हालांकि, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास निदेशक बसंत कुर्रे ने कहा, ‘‘दो दिसंबर तक कोविड-19 से भोपाल जिले में कुल 518 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से मात्र 102 लोग भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे। भोपाल गैस त्रासदी पीड़ित जिन 102 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 69 लोगों की उम्र 50 साल से अधिक थी, जबकि 33 लोगों की उम्र 50 साल से कम थी।’’

भोपाल गैस पीड़ितों के हितों के लिये लंबे अरसे से काम करने वाले संगठन ‘भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन’ की सदस्य रचना ढींगरा ने बुधवार को दावा किया, ‘‘भोपाल जिले में कोविड-19 की वजह से अब तक 518 मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में 18 अक्टूबर तक इस बीमारी से मरे जिन 450 लोगों का जिक्र था, उनके घर-घर जाकर हमने पता लगाया कि वे भोपाल गैस पीड़ित थे या नहीं। इसमें हमें पता चला है कि इन 450 मृतकों में से 254 लोग भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ित थे।’’

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से अन्य लोगों की तुलना में भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ित लोग ज्यादा मर रहे हैं।

जब उनसे पूछा गया कि राज्य सरकार भोपाल गैस कांड के पीड़ित केवल 102 लोगों की कोविड-19 से मरने की पुष्टि कर रही है, तो उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के संक्रमण से मरे इन 254 लोगों के पास भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार के लिये बनाये गये अस्पताल भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) का स्मार्ट कार्ड और इस गैस कांड के मुआवजे के आदेश की प्रतिलिपि थी।’’

ढींगरा ने कहा कि हमने ये स्मार्ट कार्ड एवं मुआवजे के आदेश की प्रतिलिपि इन मृतक लोगों के घर-घर जाकर उनके परिजनों से ली हैं और उनकी पहचान भोपाल गैस पीड़ित के रूप में की है।

उन्होंने कहा कि हमने ये दस्तावेज मुख्य चिकित्सा अधिकारी (गैस राहत) रवि वर्मा को भी सौंपे हैं।

उन्होंने कहा कि भोपाल गैस काण्ड के पीड़ितों के चार संगठनों --भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एन्ड एक्शन, भोपाल गैस पीड़ित स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा एवं डाव-कार्बाइड के खिलाफ बच्चे -- ने मांग की है, ‘‘कोविड-19 से साबित हुए दूरगामी शारीरिक क्षति के लिए यूनियन कार्बाइड और उसके मालिक डाव केमिकल भोपाल गैस पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा दें।’’

ढींगरा ने बताया कि इन संगठनों ने आधिकारिक दस्तावजों से यह दर्शाया कि गैस पीड़ित आबादी में कोरोना की वजह से मृत्यु की दर जिले के अन्य लोगों की तुलना में 6.5 गुना ज्यादा है।

उन्होंने दावा किया कि दो और तीन दिसंबर 1984 की दरम्यानी रात को यूनियन कार्बाइड के भोपाल स्थित कारखाने से रिसी जहरीली गैस मिक (मिथाइल आइसोसाइनाइट) से अब तक 20,000 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और लगभग 5.68 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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