कोविड-19 महज फेफड़े की बीमारी नहीं है, इससे खतरनाक तरीके से खून का थक्का भी जम सकता है : विशेषज्ञ

By भाषा | Updated: May 7, 2021 20:23 IST2021-05-07T20:23:50+5:302021-05-07T20:23:50+5:30

Kovid-19 is not just a lung disease, it can also cause dangerous blood clotting: Expert | कोविड-19 महज फेफड़े की बीमारी नहीं है, इससे खतरनाक तरीके से खून का थक्का भी जम सकता है : विशेषज्ञ

कोविड-19 महज फेफड़े की बीमारी नहीं है, इससे खतरनाक तरीके से खून का थक्का भी जम सकता है : विशेषज्ञ

नयी दिल्ली, सात मई कोविड-19 महज फेफड़े की बीमारी नहीं है जैसा कि पहले की अवधारणा थी, बल्कि इससे खतरनाक तरीके से खून का थक्का भी जम सकता है जिसे तुरंत हटाने की जरूरत होगी ताकि कुछ मामलों में अंगों को बचाया जा सके। यह बात विशेषज्ञों ने कही है।

वैश्विक स्तर पर किए गए शोध में बताया गया है कि अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के 14 से 28 फीसदी रोगियों में रक्त थक्का जमने की बात सामने आई है जिसे ‘डीप वेन थ्रोम्बोसिस’ (डीवीटी) के नाम से जाना जाता है। वहीं दो से पांच फीसदी रोगियों में आर्टेरियल थ्रोम्बोसिस का मामला सामने आया।

विशेषज्ञों ने बताया कि संक्रमण फेफड़े के साथ रक्त कोशिकाओं से भी जुड़ा हुआ है।

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के वाहिका एवं अंत:वाहिका सर्जन डॉ. अंबरीश सात्विक ने कहा, ‘‘हम औसतन हर हफ्ते इस तरह के पांच-छह मामलों को देख रहे हैं। इस हफ्ते प्रतिदिन इस तरह का एक मामला सामने आ रहा है।’’

दक्षिण पश्चिम द्वारका के आकाश हेल्थकेयर में हृदय विभाग के डॉ. अमरीश कुमार ने कहा कि कोविड-19 के ऐसे रोगियों में रक्त थक्का जमने का मामला आ रहा है जिनमें टाईप-टू मधुमेह मिलेटस है, हालांकि निश्चित कारण अभी तक पता नहीं चला है।

डीवीटी एक गंभीर स्थिति है जिसमें शरीर के अंदर स्थित नाड़ियों में रक्त थक्का जम जाता है। आर्टेरियल थ्रोम्बोसिस धमनियों में थक्का जमने से जुड़ा हुआ है।

सात्विक ने इस हफ्ते की शुरुआत में ट्वीट कर कोविड-19 का रक्त थक्का बनने से संबंध की तरफ ध्यान आकर्षित किया था, जिसमें उन्होंने कोविड-19 से पीड़ित एक रोगी के अंग की धमनी में बने रक्त थक्के की तस्वीर पोस्ट की थी।

सात्विक ने पांच मई को कहा, ‘‘कोविड थक्का कैसा दिखता है। कोविड रक्त थक्का उत्पन्न करता है। कोविड में धमनी में थक्का जमने के कारण दिल का दौरा पड़ना, पक्षाघात या शरीर के अंगों का काम नहीं करना दो से पांच फीसदी तक होता है। हमने एक कोविड रोगी के अंग की धमनियों से इन्हें बाहर निकाला। हम उसका अंग बचाने में सफल रहे।’’

पिछले वर्ष नवंबर में लांसेट पत्रिका में छपे अध्ययन के शोधकर्ताओं ने कहा कि शोध से पता चलता है कि कोविड-19 और थ्रम्बोइंबोलिज्म (टीई) के बीच काफी संबंध है। रक्त थक्का जमने के कारण रक्त कोशिका का बाधित होना ही थ्रम्बोइंबोलिज्म कहा जाता है।

शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि कोविड-19 में टीई दर ज्यादा है और इसमें मौत होने का ज्यादा खतरा होता है।

सात्विक ने कहा, ‘‘हम एक वर्ष से ज्यादा समय से कोविड-19 के पैथोफिजियोलॉजी को समझ रहे हैं। जब यह चीन और पश्चिमी देशों में फैला तो इसे वायरल न्यूमोनिया माना गया। कोविड के गंभीर मामलों को एक्यूट रेसपिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) बताया गया, जिस कारण दम घुट जाता है।’’

बहरहाल, कोविड रोगियों के लगातार अंत्यपरीक्षण और उनके फेफड़ों के विश्लेषण से पता चला कि डॉक्टर जो समझ रहे थे वह सिर्फ एआरडीएस नहीं था।

उन्होंने कहा कि उन्हें फेफड़ों की सूक्ष्म नलिकाओं में रक्त थक्के मिले। फिर यह समझा गया कि कोविड जितना फेफड़े की बीमारी है उतना ही वह रक्त कोशिकाओं की बीमारी भी है।

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Web Title: Kovid-19 is not just a lung disease, it can also cause dangerous blood clotting: Expert

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