Kolkata Nabanna March Live: आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों का संघर्ष जारी है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार-हत्या की घटना को लेकर हल्ला बोल जारी है। विरोध प्रदर्शन कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और सड़कों पर भीड़ उमड़ पड़ी। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले को लेकर कोलकाता में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने खदेड़ दिया। सरकार 'छात्र समाज' के नबन्ना मार्च को रोकने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है।
संतरागाछी में आंदोलनकारियों ने पुलिस पर ईंटें फेंकीं, जिससे कई अधिकारी घायल हो गए, जबकि प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पुलिस की कार्रवाई में कई छात्र भी घायल हुए हैं। विरोध प्रदर्शन एक पखवाड़े पहले शुरू हुआ था। प्रदर्शनकारी आम लोग हैं जो सिर्फ न्याय की मांग कर रहे हैं और विरोध कर रहे हैं?
हावड़ा मैदान इलाके में जीटी रोड पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच मंगलवार को दोपहर में उस समय फिर से झड़प हुईं, जब प्रदर्शनकारियों ने अपने 'नबन्ना अभियान' के तहत राज्य सचिवालय की ओर मार्च करने की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारें और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थर और ईंटें फेंकी और राज्य सचिवालय की ओर जाने वाले रास्ते को रोकने के लिए लगाए गए अवरोधकों को गिराने का प्रयास किया। झड़प में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया जिन्होंने खुद को हावड़ा पुलिस आयुक्तालय के चंडीतला थाने का प्रभारी बताया। हेस्टिंग्स और एमजी रोड इलाके में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली, जहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके।
पुलिस इन लोगों को खदेड़ते हुए नजर आई। एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हमें पुलिस ने क्यों पीटा? हमने कोई कानून नहीं तोड़ा। हम मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करने के लिए शांतिपूर्ण रैली कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।’’ इस ‘नबन्ना अभियान’ में मुख्य रूप से युवा शामिल हैं जो आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
वे इस मांग को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के सचिवालय ‘नबन्ना’ पहुंचने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि जब कुछ जगहों पर आंदोलनकारियों ने अवरोधकों को पार करने का प्रयास किया और सुरक्षा कर्मियों पर हमला किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े।
इससे पहले दिन में, पुलिस ने हावड़ा ब्रिज के कोलकाता छोर पर और कोना एक्सप्रेसवे पर संतरागाछी रेलवे स्टेशन के पास प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारें और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने नबन्ना तक पहुंचने के लिए पुलिस के अवरोधक पार करने की कोशिश की।
संतरागाछी में, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंटें फेंकी, जिसमें कई अधिकारी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पुलिस की कार्रवाई में कई छात्र भी घायल हुए हैं। समस्या तब बढ़ गई जब छात्र संगठन ‘पश्चिम बंग छात्र समाज’ और राज्य सरकार के असंतुष्ट कर्मचारियों के संगठन ‘संग्रामी जौथा मंच’ ने कोलकाता के अलग-अलग स्थानों से अपना मार्च शुरू किया।
इस बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कोलकाता और हावड़ा में ‘नबन्ना अभियान’ रैली में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लेने वालों पर ‘बर्बर कार्रवाई’ का सहारा लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार द्वारा ‘बर्बरता’ नहीं रोकी गई तो पश्चिम बंगाल को ‘ठप’ कर दिया जाएगा।
हावड़ा में कोलकाता पुलिस के सेंट्रल डिवीजन के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) इंदिरा मुखर्जी ने कहा कि जो कुछ भी होगा हम देखेंगे, कोई समस्या नहीं है। एक नवगठित अपंजीकृत छात्र संगठन पश्चिमबंगा छात्र समाज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल सचिवालय नबन्ना की ओर मार्च कर रहा है। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने न्याय और राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था की मांग की।