जानिए कौन हैं सेवानिवृत आईपीएस किशोर कुणाल, अयोध्या विवाद के कारण चर्चा में
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 16, 2019 03:29 PM2019-10-16T15:29:29+5:302019-10-16T15:29:29+5:30
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने इस नक्शे के पांच टुकड़े कर दिए। इस पर किताब के लेखक किशोर कुणाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान दावा कि उन्होंने आर्किटेक्ट की मदद से रामजन्मभूमि का नक्शा तैयार किया गया था। किशोर कुणाल ने कहा कि अयोध्या का कण-कण पावन है।
बिहार के मुजफ्फरपुर में 12 जून 1950 को जन्मे आचार्य किशोर कुणाल सेवानिवृत भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। वह संस्कृत अध्येता भी हैं।
1972 बैच के गुजरात कैडर के अधिकारी कुणाल बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष हैं। वह पटना के महावीर मंदिर के संस्थापक हैं। इस समय वह पटना के मबावीर मंदिर न्यास के सचिव भी हैं। वह पटना के ज्ञान निकेतन नामक प्रसिद्ध विद्यालय के संस्थापक भी हैं।
किशोर कुणाल ने संस्कृत भाषा में पढ़ाई पूरी की। संस्कृत और इतिहास से भारतीय पुलिस सेवा में चयन होने के बाद उन्होंने अपनी पहली पहचान एक कड़क पुलिस अधिकारी के रूप में बनाई। पटना के एसपी के तौर पर वह पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर से जुड़े। एक नवंबर 1987 से महावीर मंदिर का ट्रस्ट बनाकर समाजसेवा की शुरुआत की। जब महावीर मंदिर से जुड़े तो उस वक्त मंदिर की आय सालाना 11 हजार रुपये की थी।
Kunal Kishore, publisher of map that was handed over to Advocate Dhavan: He is an intellectual, he thought if this map is presented before the court his case will become non-existent. If he had objections he could have said that in the time that was given to him. #AyodhyaCasehttps://t.co/zO5tqnBpkgpic.twitter.com/sx2iF9gnll
— ANI (@ANI) October 16, 2019
आज मंदिर का बजट 212 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। अकेले यह मंदिर धार्मिक न्यास बोर्ड को 55 लाख रुपये सालाना शुल्क देता है। कुणाल कहते हैं, हिन्दू धर्म की परोपकार नीति से प्रभावित हो ट्रस्ट की आय से एक जनवरी 1989 को पहला अस्पताल राजधानी के किदवईपुरी में खोला। शीघ्र ही चिरैयाटांड में इसे वृहद रूप दिया गया। आज महावीर आरोग्य अस्पताल आम बीमारियों के इलाज के लिए काफी मशहूर है। यह अस्पताल नेत्र रोग के इलाज के लिए भी विशेष रूप से जाना जाता है।
महावीर मंदिर ट्रस्ट के द्वारा राजधानी में 12 दिसंबर 1998 को कैंसर के इलाज के लिए महावीर कैंसर अस्पताल खोला गया। इसके पहले बिहार के मरीजों के पास कैंसर के इलाज के लिए सीधे दिल्ली-मुंबई जाने का ही विकल्प था। महावीर कैंसर अस्पताल के खुलने के बाद रियायत दर पर मरीजों को कैंसर के इलाज की सुविधा मिलने लगी।
आज हर साल चार लाख से अधिक कैंसर मरीज इस अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं। इसमें बिहार के अलावा आसपास के राज्यों नेपाल और बांग्लादेश के मरीज भी शामिल हैं। आज उनके प्रयासों की वजह से कैंसर पीड़ितों को दस हजार रुपए की आर्थिक मदद की जाती है। पूर्व आईपीएस और पटना महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल के मुताबिक बाबर सहिष्णु था। साथ ही कुणाल ने दावा किया कि बाबर का हाथ अयोध्या स्थित राम मंदिर को तोड़ने में नहीं रहा।
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (16 अक्टूबर) को राम मंदिर बाबरी मस्जिद मुकदमे पर सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में किशोर कुणाल की किताब में छपे नक्शे को पेश किया। इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कोर्ट में किताब में छपे नक्शे को फाड़ दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने इस नक्शे के पांच टुकड़े कर दिए। इस पर किताब के लेखक किशोर कुणाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान दावा कि उन्होंने आर्किटेक्ट की मदद से रामजन्मभूमि का नक्शा तैयार किया गया था। किशोर कुणाल ने कहा कि अयोध्या का कण-कण पावन है।
वहीं, सीजेआई ने इसपर नाराजगी जाहिर की है। मालूम हो कि बुधवार (16 अक्टूबर) को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की सुनवाई का आखिरी दिन है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि आज शाम पांच बजे तक बहस पूरी कर ली जाएगी।
मंगलवार को 39वें दिन इस मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने इस बात के संकेत दिए थे। बुधवार को जब हिंदू महासभा की ओर से दलील देना शुरू हुआ तो अदालत में बहस छिड़ गई। हिंदू महासभा के वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट में किताब दिए जाने पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने आपत्ति जताई। इसी दौरान उन्होंने अदालत में एक नक्शा भी फाड़ डाला।
हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने जब अदालत में एक किताब को रखने की कोशिश की तो मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने आपत्ति जताई और कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वह इनके सवालों का जवाब नहीं देंगे। इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि ठीक है, आप जवाब मत देना।
दरअसल, हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने एडिशनल डॉक्यूमेंट के तौर पर पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल की किताब बेंच को दी थी। इसपर विकास सिंह ने कहा कि मैं किताब पर अपना जवाब नहीं दे रहा हूं लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक एक नक्शा दिखाना चाहता हूं।