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बिहार में राज्यपाल और मुख्यमंत्री की बात नहीं सुनने वाले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक गए लंबी छुट्टी पर

By एस पी सिन्हा | Updated: June 2, 2024 17:57 IST

जारी अधिसूचना के मुताबिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की दिनांक 03.06.2024 से लेकर 30.06.2024 तक कुल 28 दिनों की उपार्जित छुट्टी की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके साथ ही केके पाठक की अनुपस्थिति में उनके दायित्वों का अतिरिक्त प्रभार में डॉ. एस. सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संभालेंगे। 

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पटना:बिहार में राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित किसी की भी नहीं सुनने वाले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक 28 दिनों की लंबी छुट्टी पर चले गए। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। जारी अधिसूचना के मुताबिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की दिनांक 03.06.2024 से लेकर 30.06.2024 तक कुल 28 दिनों की उपार्जित छुट्टी की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके साथ ही केके पाठक की अनुपस्थिति में उनके दायित्वों का अतिरिक्त प्रभार में डॉ. एस. सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संभालेंगे। 

हालांकि केके पाठक शिक्षा विभाग का प्रभार संभालने के बाद कई दफे छुट्टी पर गए हैं। उनकी छुट्टी के दौरान विभाग में सचिव पद पर तैनात अधिकारी बैद्यनाथ यादव अपर मुख्य सचिव का प्रभार संभालते रहे हैं। लेकिन इस बार किसी समकक्ष पदाधिकारी की तैनाती के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि सरकार इस बार केके पाठक की स्थायी छुट्टी का मन बना चुकी है। शायद यही कारण है कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का प्रभार सौंप दिया है। एस. सिद्धार्थ कैबिनेट विभाग के भी अपर मुख्य सचिव हैं। 

सूत्रों की मानें तो 6 जून तक चुनाव आचार संहिता लागू है। तब तक कोई भी ट्रांसफर पोस्टिंग करने के लिए राज्य सरकार को चुनाव आयोग से अनुमति लेना पड़ता है। सरकार इस फेरे में नहीं पड़ना चाहती। इसलिए 6 जून तक का इंतजार किया जा रहा है। उसके बाद केके पाठक के ट्रांसफर का आदेश जारी होना तय है। केके पाठक ने लगातार मुख्यमंत्री के आदेश को भी नहीं माना है। राज्यपाल से उनका लगातार टकराव चल रहा है। राज्यपाल भी केके पाठक से काफी नाराज हैं। 

ऐसे में राज्य सरकार शिक्षा विभाग से उनकी स्थाई विदाई का फैसला ले चुकी है। सिर्फ आचार संहिता खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि स्कूलों की टाइमिंग और फिर गर्मी के मौसम में शिक्षकों को स्कूल बुलाने को लेकर केके पाठक चर्चा में हैं। उनके फैसले की खूब आलोचना हो रही है। इसी बीच उन्होंने छुट्टी पर जाने का फैसला लिया है।

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