करनाल में किसान महापंचायत: अधिकारियों ने किसान नेताओं से की बात
By भाषा | Updated: September 7, 2021 15:37 IST2021-09-07T15:37:14+5:302021-09-07T15:37:14+5:30

करनाल में किसान महापंचायत: अधिकारियों ने किसान नेताओं से की बात
करनाल (हरियाणा), सात सितंबर करनाल में मंगलवार को महापंचायत करने तथा लघु सचिवालय का घेराव करने के लिए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के एकत्रित होने के मद्देनजर किसानों के 11 नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को जिला प्रशासन ने बातचीत के लिए बुलाया है।
किसानों पर 28 अगस्त को हुए पुलिस के कथित लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को महापंचायत करने के लिए राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, योगेंद्र यादव और गुरनाम सिंह चढूनी सहित संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कई वरिष्ठ नेता करनाल पहुंचे। ऐसा कहा जा रहा है कि ये वरिष्ठ नेता प्रशासन के साथ बातचीत का हिस्सा होंगे और बातचीत के दौरान वे विभिन्न मांगों को उठाएंगे।
करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर कहा, ‘‘ हम किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बात कर रहे हैं।’’
अधिकारियों ने कहा कि बैठक से जुड़ी सभी जानकारी बाद में साझा की जाएगी।
इस बीच, किसानों की लघु सचिवालय का घेराव करने की योजना के मद्देनजर करनाल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। करनाल में हरियाणा पुलिस के साथ ही बड़ी संख्या में केन्द्रीय बलों के कर्मी भी तैनात किए गए हैं, जबकि नई अनाज मंडी में भी बल की भारी तैनाती की गई है। किसानों की योजना अनाज मंडी में एकत्रित होकर, वहां से लघु सचिवालय का घेराव करने के लिए आगे बढ़ने की है।
अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली-करनाल-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुबह के समय वाहनों का आवागमन सामान्य रहा।
हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने सुबह किसानों से शांतिपूर्ण तरीके से अनाज मंडी में एकत्रित होने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘ आगे की कार्रवाई महापंचायत में ही तय की जाएगी।’’
हरियाणा पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से जारी किए गए एक बयान के अनुसार, कुछ लोग लाठियों और लोहे की छड़ के साथ नई अनाज मंडी पहुंचे, जो कि उनकी ओर से ‘‘सही इरादे’’ का प्रदर्शन नहीं करता।
बयान में कहा गया, ‘‘ ‘ग्राउंड इंटेलिजेंस रिपोर्ट’ से संकेत मिलता है कि कुछ लोग रम्बा से, कुछ निसिंग से और कुछ अन्य जगह से लाठी, लोहे की छड़ों के साथ अनाज मंडी पहुंचे, जो उनकी ओर से अच्छे इरादे नहीं दिखाता। करनाल जिला प्रशासन तथा पुलिस ऐसे शरारती तत्वों को कानून हाथ में न लेने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की चेतावनी दे रही है। ऐसे सभी तत्वों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा।’’
सुबह खराब मौसम का सामना करते हुए किसान ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल पर सवार होकर नई अनाज मंडी पहुंचे। पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों को नई अनाज मंडी में तैनात किया गया है। लघु सचिवालय के आसपास अवरोधक लगाए गए हैं और भारी बल की तैनाती की गई है। लघु सचिवालय का घेराव करने के कार्यक्रम से एक दिन पहले प्रशासन ने जिले में सोमवार को लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया था और मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया था।
हरियाणा सरकार ने पास के चार जिलों में भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से लेकर मंगलवार मध्य रात्रि तक बंद रखने का आदेश दिया है। कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत जिलों में मंगलवार को दिन में 12 बजे से रात 11:59 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों की 10 टुकड़ियों सहित सुरक्षा बलों की 40 टुकड़ियां भी तैनात की गई हैं, जहां स्थानीय अधिकारियों ने दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
हरियाणा पुलिस द्वारा जारी एक परामर्श अनुसार, मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 (अंबाला-दिल्ली) पर मंगलवार को करनाल जिले में यातायात प्रभावित हो सकता है। इसमें कहा गया, ‘‘इसलिए, एनएच-44 का उपयोग करने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे करनाल शहर की यात्रा करने से बचें या सात सितंबर को अपने गंतव्य तक जाने के लिए वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करें।’’
हरियाणा पुलिस के एक प्रवक्ता ने बाद में बताया था कि जरूरत पड़ने पर दिल्ली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर मार्ग में परिवर्तन मंगलवार सुबह नौ बजे से लागू किया जाएगा, लेकिन तब तक यातायात सामान्य रूप से चलेगा।
करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने बताया कि पड़ोसी जिलों से अतिरिक्त बल के साथ, पुलिस अधीक्षक रैंक के पांच अधिकारी और 25 डीएसपी रैंक के अधिकारी यहां सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा उपायों के तहत कैमरों से लैस ड्रोन भी तैनात किए जाएंगे।
करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
सोमवार को चंडीगढ़ में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने किसानों से यह सुनिश्चित करने की अपील की थी कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण हो तथा आम आदमी को उससे परेशानी न हो।
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे विभिन्न किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मांगें पूरी नहीं होने पर सात सितंबर को करनाल में लघु सचिवालय की घेराबंदी करने की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि हरियाणा पुलिस ने 28 अगस्त को भाजपा की एक बैठक में जा रहे नेताओं का विरोध करते हुए एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित करने वाले किसानों के एक समूह पर कथित तौर पर लाठीचार्ज किया था। इसमें 10 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे। एसकेएम ने आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की है। सिन्हा कथित तौर पर एक वीडियो में पुलिसकर्मियों को प्रदर्शन कर रहे किसानों के ‘‘सिर फोड़ने’’ के लिए कहते सुनाई दे रहे हैं। संगठन ने सिन्हा को बर्खास्त करने की भी मांग की है।
चढ़ूनी ने कहा कि सोमवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ यहां एक बैठक हुई थी लेकिन अपनी मांगों पर संतोषजनक प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्होंने मंगलवार को महापंचायत करने और फिर लघु सचिवालय का घेराव करने का निर्णय किया।
चढूनी ने करनाल में लाठीचार्ज में कथित रूप से घायल होने के बाद जान गंवाने वाले एक किसान के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की थी। वहीं, प्रशासन का कहना है कि किसान की मौत पुलिस की कार्रवाई से नहीं बल्कि दिल का दौरा पड़ने से हुई। चढूनी ने अन्य घायल किसानों को दो-दो लाख रुपये देने की भी मांग की है।
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