यमुनानगरः किसान आंदोलन तेज हो गया है। केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने धरना-प्रदर्शन तेज कर दिया है। कृषि कानून के खिलाफ सिंघू बॉर्डर पर चल रहा आंदोलन 21वें दिन में प्रवेश कर गया।
सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए पेट्रोल पंप को टेंट सिटी में बदला गया है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हमारी कंडीशन देख कर फाउंडेशन वालों ने ये टेंट लगवाए। इनमें अब ठंड नहीं लगती। इसके लिए कोई पैसा नहीं लिया जाता। इसका सारा रख रखाव यही करते हैं।"
कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-यूपी गेट पर हजारों किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नायब सिंह सैनी मंगलवार को जिले के खुर्दी गांव में कुछ परियोजनाओं की आधारशिला रखने और सामुदायिक केंद्र का उद्घाटन करने पहुंचे तो वहां उन्हें किसानों की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
किसानों के मुद्दे पर हरियाणा में निर्दलीय विधायकों ने खट्टर से की मुलाकात
हरियाणा के चार निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की तथा उनसे प्रदर्शनकारी किसानों एवं केंद्र के बीच नए कृषि कानूनों को लेकर बने गतिरोध का जल्द से जल्द समाधान निकालने का अनुरोध किया।
नयन पाल रावत, रणधीर सिंह गोलेन, राकेश दौलताबाद और धरम पाल गोंदेर ने खट्टर से उनके आवास पर मुलाकात की। रावत ने बताया कि गतिरोध को खत्म करने के बारे में खट्टर से बात हुई और उन्होंने कहा कि राजग सरकार भी इस मुद्दे का जल्द समाधान चाहती है और वह किसानों की कई मांगों पर सहमति जता चुकी है।
दिल्ली बार्डरों से किसानों को हटाने संबंधी याचिका पर न्यायालय ने केन्द्र से मांगा जवाब
उच्चतम न्यायालय ने कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों को हटाने के लिये दायर याचिकाओं पर बुधवार को केन्द्र और अन्य राज्यों से जवाब मांगा। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने सुनवाई के दौरान संकेत दिया कि न्यायालय इस विवाद का समाधान खोजने के लिये एक समिति गठित कर सकता है। इस समिति में सरकार और देश भर की किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे विरोध प्रदर्शन कर रही किसान यूनियनों को भी इसमें पक्षकार बनायें। न्यायालय इस मामले में बृहस्पतिवार को आगे सुनवाई करेगा। पीठ ने केन्द्र से कहा, ‘‘आप विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत कर रहे हैं लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है।’’
केन्द की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि सरकार ऐसा कुछ भी नहीं करेगी जो किसानों के हितों के विरुद्ध हो। दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को तुरंत हटाने के लिये न्यायालय में कई याचिकायें दायर की गयी हैं।
इनमें कहा गया है कि इन किसानों ने दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं अवरूद्ध कर रखी हैं जिसकी वजह से आने जाने वालों को बहुत परेशानी हो रही है और इतने बड़े जमावड़े की वजह से कोविड-19 के मामलों में वृद्धि का भी खतरा उत्पन्न हो रहा है।