किसान आंदोलन राजनीतिक गुटों की लड़ाई हो गई है : भाजपा

By भाषा | Updated: December 14, 2020 17:38 IST2020-12-14T17:38:59+5:302020-12-14T17:38:59+5:30

Kisan agitation has become a battle of political groups: BJP | किसान आंदोलन राजनीतिक गुटों की लड़ाई हो गई है : भाजपा

किसान आंदोलन राजनीतिक गुटों की लड़ाई हो गई है : भाजपा

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर भाजपा ने राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं और देश के कुछ अन्य स्थानों पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को सोमवार को राजनीतिक गुटों की लड़ाई बताया और कहा कि जब से ये कृषि कानून आए हैं तब से देश में जितने भी चुनाव हुए हैं उसमें भाजपा की जीत हुई है जो दर्शाती है कि गांव, गरीब और किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ खड़ा है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘किसान आंदोलन किसानों की नहीं बल्कि राजनीतिक गुटों की लड़ाई हो गई है। आम आदमी पार्टी और कैप्टन अमरिंदर सिंह के ट्विटर वार को देखिए। वो आपस में एक दूसरे से लड़ रहे हैं। ये किसानों के हित के लिए नहीं, आपस में सत्ता की लड़ाई लड़ रहे हैं।’’

पात्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किसानों के समर्थन में उपवास करने पर निशाना साधते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनावों के अपने घोषणापत्र में एपीएमसी कानून में संशोधन का वादा किया था और इसी साल नवम्बर में दिल्ली में केंद्र के तीन कृषि कानूनों को अधिसूचित भी किया।

उन्होंने कहा, ‘‘केजरीवाल जो हंगर स्ट्राइक कर रहे हैं वह नींबू पानी से खत्म होने वाला नहीं है। यह सत्ता की भूख है। यह कुर्सी से ही मिटती है।’’

भाजपा नेता ने कहा कि बिहार से लेकर अब तक जितने भी चुनाव हुए हैं उनके नतीजे अब तक भाजपा के पक्ष में आए हैं और विपक्षी दल देश में किसान आंदोलन को लेकर एक भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘गरीब, ग्रामीण, किसान इस देश की रीढ़ हैं। पिछले दिनों में विभिन्न राज्यों में हुए चुनावों में भाजपा की जीत इसलिए हुई क्योंकि किसान, गरीब और मजदूर हमारे साथ खड़ा है। जब से ये कृषि सुधार बिल आए हैं तब से देश में जितने भी चुनाव हुए हैं उसमें भाजपा की जीत हुई है और यह चिल्ला-चिल्ला कर कहती है कि गांव, गरीब और किसान मोदी जी के साथ खड़ा है।’’

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार जहां तीनों कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Kisan agitation has become a battle of political groups: BJP

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे