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किसान आंदोलनः उप्र के कई जिलों में चक्का जाम, शनिवार-रविवार को भी जारी रहेगा आंदोलन

By भाषा | Updated: November 27, 2020 19:03 IST

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लखनऊ /बागपत, 27 नवम्बर केन्द्र सरकार से तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में चक्‍का जाम और विरोध प्रदर्शन किया। लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन ने अहिमामऊ-सुल्‍तानपुर रोड पर चक्‍का जाम की तैयारी की थी, लेकिन प्रशासनिक मुस्‍तैदी से यह संभव नहीं हो सका। किसानों ने कल और परसों भी आंदोलन जारी रखने का एलान किया है।

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्‍यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने 77 किसानों द्वारा गिरफ़्तारी देने का दावा किया है, लेकिन पुलिस का कहना है कि हिरासत में लेकर इन्‍हें छोड़ दिया गया।

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्‍यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने शुक्रवार को 'भाषा' को बताया ''पुलिस ने रात से ही हमारे आंदोलन को कमजोर करने के लिए मेरे गांव नौबस्‍ता कला में घेराबंदी कर दी और किसान भवन घेर लिया।'' उन्‍होंने बताया '' शुक्रवार को सुबह किसान तय कार्यक्रम के अनुसार अहिमामऊ-सुलतानपुर मार्ग को जाम करने के लिए निकले, लेकिन देवा रोड पर ही हमें पुलिस ने रोक लिया और सभी को ईको गार्डेन ले जाया गया।''

प्रदेश उपाध्‍यक्ष ने कुल 77 किसानों द्वारा गिरफ़्तारी देने का दावा करते हुए कहा कि यह आंदोलन रुकने वाला नहीं है। उन्‍होंने कहा कि रविवार को ट्रैक्‍टर-टाली से सैकड़ों किसान दिल्‍ली में धरना देने जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि किसान तो न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य को लेकर कानून चाहते हैं लेकिन सरकार किसान विरोधी कानून थोप रही है।

पुलिस के अनुसार लखनऊ में चार-पांच अलग-अलग स्‍थानों पर किसानों ने प्रदर्शन की कोशिश की लेकिन उन्‍हें हिरासत में लेकर बाद में छोड़ दिया गया। लखनऊ के संयुक्‍त पुलिस आयुक्‍त नवीन अरोड़ा ने इस संदर्भ में पूछे जाने पर बताया कि अहिमामऊ, चिनहट, और मोहनलालगंज समेत कुल पांच स्‍थानों पर विरोध प्रदर्शन के लिए किसान एकत्रित हुए थे, लेकिन उन्‍हें समझा-बुझा कर धरना प्रदर्शन के लिए बनाये गये ईको गार्डेन भेज दिया गया। उन्‍होंने कहा कि कुल किसानों की संख्‍या करीब 250 रही होगी जिनमें किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है। अरोड़ा ने बताया कि मोहनलालगंज में भी कुछ किसानों ने एक अलग मामले में प्रदर्शन किया था और उनका भी ज्ञापन ले लिया गया है।

अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्‍यवस्‍था प्रशांत कुमार ने कहा कि किसानों की चेतावनी को देखते हुए पूरे प्रदेश में कानून-व्‍यवस्‍था के दृष्टिगत व्‍यापक तैयारी की गई है।

उधर, बागपत से मिली खबर के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन ने कृषि कानूनों को वापस लेने और किसानों पर हुए लाठी चार्ज के विरोध में शुक्रवार को बागपत जिले में निवाड़ा पुल पर शुक्रवार को सोनीपत हाइवे को जाम किया।

पंजाब और हरियाणा के किसानों पर किये गये लाठी चार्ज पर आक्रोश जताते हुए भाकियू ने पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाम का ऐलान किया था। वहीं, भाकियू के जाम को देखते हुए पुलिस ने मार्ग परिवर्तित किया।

बागपत के पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि बागपत जिले में निवाड़ा पुल हरियाणा और उत्तर प्रदेश का बार्डर है। यहां किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मजिस्ट्रेट मौजूद हैं व भारी संख्या में पुलिस बल लगाया गया है। इसके साथ ही स्थानीय किसान नेताओं से पुलिस सम्पर्क बनाए हुए है।

बुंदेलखंड के जालौन, ललितपुर, झांसी से मिली खबरों के अनुसार वहां भी किसानों ने प्रदर्शन किया।

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध करते हुए जालौन जिले के किसानों ने शुक्रवार दोपहर झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग में जाम लगा दिया। हालांकि, कुछ देर बाद जाम खुल भी गया है।

जालौन जिले के पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने बताया कि "कृषि कानून के विरोध में शुक्रवार दोपहर करीब 50-60 किसानों ने झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग में जाम लगाकर यातायात बाधित करने की कोशिश की थी, जिसे अधिकारियों ने समझा-बुझाकर खुलवा दिया।"

बांदा से मिली खबर के मुताबिक बुंदेलखंड़ किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ और आंदोलनरत हरियाणा के किसानों के समर्थन में बुंदेलखंड़ के किसान शनिवार को सड़क पर उतरेंगे और बांदा से लेकर झांसी तक झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग में जाम लगाएंगे।

शर्मा ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को 'काला कानून' बताते हुए शुक्रवार को 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि "हरियाणा का किसान शांति पूर्ण तरीके से अपनी बात रखने दिल्ली कूच कर रहा है, उनका संगठन 'बुंदेलखंड़ किसान यूनियन' शनिवार को बुंदेलखंड़ के चित्रकूट जिले से लेकर बांदा, महोबा, हमीरपुर, उरई-जालौन, झांसी और ललितपुर जिले की अंतिम सीमा तक झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करेगा।"

उन्होंने कहा कि "इसके लिए सभी जिला इकाइयों को आज निर्देश जारी कर दिए गए हैं।"

झांसी से मिली खबर के अनुसार आज मऊरानीपुर एवं मोठ तहसील क्षेत्र के किसानों ने किसान विरोधी तीनों कानून वापस लिए जाने एवं स्थानीय समस्याओं को लेकर मंडी परिषद एवं प्रमुख चौराहों पर प्रदर्शन किया तथा प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी दिया जिसमें उनकी मांगे न माने जाने पर भविष्य में और भी उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है।

झांसी की तहसील मऊरानीपुर मै भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष कमलेश लंबरदार के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों का समूह मंडी परिषद के पास एकत्र हुआ एवं सरकार के किसान विरोधी , तीनों कानून वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। किसानों का आंदोलन करीब 2 घंटे चला।

ऐसे ही एक प्रदर्शन के दौरान झांसी जिले की मौठ तहसील क्षेत्र के किसान अपने नेता सुरजीत राजपूत के नेतृत्व में मंडी परिषद के समीप एकत्र हुए एवं उन्‍होंने धान की कम कीमत मिलने का विरोध करते हुए किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग की है। मोठ क्षेत्र के किसानों का कहना है कि यहां 1509 1819 एवं 1121 नंबर का चावल जो बासमती किस्म का है उसकी पैदावार होती है फिर भी उन्हें कम कीमत दी जा रही है।

हंगामे की सूचना मिलते ही गरौठा क्षेत्र विधायक भाजपा नेता जवाहर राजपूत भी मौके पर पहुंचे एवं जिला अधिकारी से वार्ता कर किसानों की समस्याओं का निवारण करने का प्रयास किया। करीब 3 घंटे चले इस प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों ट्रैक्टर सवार किसानों ने अपनी फसल का पर्याप्त मूल दिए जाने की भी मांग की है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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