आम नागरिकों की हत्याएं: कई संगठनों का विरोध प्रदर्शन, आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

By भाषा | Updated: October 8, 2021 18:47 IST2021-10-08T18:47:13+5:302021-10-08T18:47:13+5:30

Killings of civilians: Protests by many organizations, demand for action against terrorists | आम नागरिकों की हत्याएं: कई संगठनों का विरोध प्रदर्शन, आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

आम नागरिकों की हत्याएं: कई संगठनों का विरोध प्रदर्शन, आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

जम्मू, आठ अक्टूबर जम्मू कश्मीर में हाल में आतंकवादियों द्वारा आम नागरिकों की हत्या पर कई संगठनों ने शुक्रवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि इस तरह की हिंसा अलगाववादियों के बीच हताशा का परिणाम है क्योंकि इस क्षेत्र में तेजी से विकास और शांति हो रही है।

इन हत्याओं के विरोध में जम्मू कश्मीर पीपुल्स फोरम (जेकेपीएफ) के बैनर तले आयोजित एक रैली में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पाकिस्तान विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने तवी पुल पर यातायात अवरुद्ध कर दिया और कश्मीर के अंतिम राजा महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा के नीचे एकत्र हो गए।

जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में कई नागरिकों की हत्याएं हुई हैं। बृहस्पतिवार को श्रीनगर में प्रधानाध्यापक सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की हत्या कर दी गई। इससे पहले मंगलवार को आतंकियों ने कश्मीरी पंडित समुदाय के माखन लाल बिंद्रू, बिहार के निवासी विक्रेता वीरेंद्र पासवान की हत्या कर दी । आतंकियों ने बांदीपुरा में मोहम्मद शफी लोन, श्रीनगर में माजिद अहमद गुजरी और बटमालू में मोहम्मद शफी डार की भी हत्या कर दी।

जेकेपीएफ के अलावा, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, शिवसेना और जागरण मंच ने भी घटनाओं के खिलाफ प्रदर्शन किया, जबकि कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों ने पुरखू, बूटानगर और मुठी में विरोध प्रदर्शन किया।

जेकेपीएफ सदस्य राजीव पंडित ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम पिछले कुछ दिनों के दौरान कश्मीर में अल्पसंख्यकों (सिखों और हिंदुओं) की चुनिंदा और योजनाबद्ध तरीके से की गई हत्या पर अपना गुस्सा व्यक्त करने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) के आतंकियों ने चुनिंदा तरीके से अल्पसंख्यक समुदायों के दो शिक्षकों को निशाना बनाया और उन्हें गोली मार दी।’’ पंडित ने कहा कि हत्याएं कश्मीर घाटी में तेजी से हो रही शांति और विकास के कारण अलगाववादियों और आतंकवादियों के बीच हताशा का परिणाम हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू कश्मीर इकाई के उपाध्यक्ष युद्धवीर सेठी ने कहा कि हत्याओं के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा और उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। सेठी ने कहा, ‘‘आतंकवादी कश्मीर में भय और आतंक पैदा करने के लिए ‘सॉफ्ट टारगेट’ और निहत्थे अल्पसंख्यकों पर हमला कर रहे हैं। दबाव के कारण वे (आतंकी) हिंसा का सहारा ले रहे हैं।’’

जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने भी विरोध मार्च निकाला और हत्याओं की निंदा की। उद्योग संघ के अध्यक्ष अरुण गुप्ता के नेतृत्व में सैकड़ों व्यापारियों, और उद्योगपतियों ने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए और घाटी में अल्पसंख्यकों को तत्काल सुरक्षा दिए जाने की मांग की।

जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर पार्टी (जेकेएनपीपी) के अध्यक्ष हर्ष देव सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जम्मू में प्रदर्शन किया और हिंसा तथा इसे रोकने में नाकामी के लिए सरकार की निंदा की। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा विरोधी नारे लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। जेकेएनपीपी के नेताओं की पुलिस कर्मियों से भिड़ंत भी हो गई, जिन्होंने राजभवन की ओर मार्च करने से रोकने के लिए बड़े-बड़े बैरिकेड लगा रखे थे।

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Web Title: Killings of civilians: Protests by many organizations, demand for action against terrorists

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