केरल की रोबोटिक्स कंपनी ने कठपुतली कला को संरक्षित करने के लिए स्वचालन कार्यक्रम शुरू किया
By भाषा | Updated: February 12, 2021 15:46 IST2021-02-12T15:46:35+5:302021-02-12T15:46:35+5:30

केरल की रोबोटिक्स कंपनी ने कठपुतली कला को संरक्षित करने के लिए स्वचालन कार्यक्रम शुरू किया
त्रिशूर, 11 फरवरी केरल की एक रोबोटिक्स कंपनी ने प्रौद्योगिकी और स्वचालन का उपयोग करते हुए 4,000 वर्ष पुरानी कठपुतली कला को संरक्षित करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है।
केरल की पहचान कठपुतली थोलापावकोथू को पारंपरिक रूप से छाया प्रकाश, ध्वनि और गीतों के साथ 'पुलावर' द्वारा खेला जाता है।
पुलावर थोलापावकोथू जानने वाले विद्वानों और कलाकारों को कहा जाता है।
कठपुतली में स्वचालित प्रक्रिया का पहला लाइव मॉडल बृहस्पतिवार को पलक्कड़ स्थित जिला धरोहर संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया।
इस पारंपरिक कला को संजोते हुए स्वचालन प्रौद्योगिकी को कठपुतली की नकल करने के लिए डिज़ाइन किया गया । आमतौर पर कलाकारों के कुशल हाथ ही कठपुतलियों को नियंत्रित करते हैं।
इस पहल पर टिप्पणी करते हुए, इंकर रोबोटिक्स के सीईओ राहुल पी बालचंद्रन ने कहा, ‘‘विलुप्त हो रही इस कला को पुनर्जीवित करने की कोशिश में स्वचालन का अनुप्रयोग विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रयोग के कई उदाहरणों में से एक है और इससे सिद्ध होता है कि स्वचालन का लाभ परिवर्तनकारी है।”
उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के दौरान इंकर रोबोटिक्स में इंजीनियरों की एक टीम ने पुलावर के साथ इस नाजुक कला का अध्ययन किया है और कला के इस रूप को फिर से जीवंत करने के लिए काफी मेहनत की है।
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