केरल उपचुनाव: BJP और UDF उम्मीदवार को पटखनी देकर LDF कैंडिडेट मणि सी कप्पन ने मारी जीती बाजी
By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: September 27, 2019 15:41 IST2019-09-27T14:35:00+5:302019-09-27T15:41:01+5:30
Kerala, Pala by-election results: केरल की पाला विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे शुक्रवार (27 सितंबर) को जारी किए गए। वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) उम्मीदवार मणि सी कप्पन ने यहां से दो हजार से ज्यादा मतों से जीत गए।

LDF उम्मीदवार मणि सी कप्पन ने केरल के पाला विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बाजी मारी। (फाइल फोटो- फेसबुक)
Kerala, Pala by-election results: केरल की पाला विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे शुक्रवार (27 सितंबर) को जारी किए गए। वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) उम्मीदवार मणि सी कप्पन ने यहां से दो हजार से ज्यादा मतों से जीत गए। कप्पन ने संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) के उम्मीदवार को 2943 मतों से हराया। यूडीएफ से जोस टॉम चुनावी मैदान में थे। तीसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार एन हरी रहे।
पाला विधानसभा सीट पर पिछले पांच दशकों से यूडीफ का कब्जा रहा है। एनसीपी नेता मणि सी कप्पन को एलडीएफ ने बतौर उम्मीदवार उपचुनाव में उतारा और उन्होंने कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ के उम्मीदवार जोस टॉम को 2923 मतों से हरा दिया। बीजेपी उम्मीदवार एन हरी तीसरे स्थान पर रहे।
Left Democratic Front's Mani C Kappan wins Pala legislative assembly constituency by-elections by over 2000 votes. pic.twitter.com/vQ4kjEcX5P
— ANI (@ANI) September 27, 2019
कप्पन की जीत ने पाला में कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल केरल कांग्रेस (एम) पार्टी के प्रभुत्व को खत्म कर दिया। केरल कांग्रेस (एम) का कैथोलिक मतदाताओं के बीच खासा प्रभाव माना जाता रहा है।
केरल कांग्रेस (एम) के संस्थापक और दिवंगत नेता केएम मणि ने 54 वर्षों तक विधानसभा में पाला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। उनके नाम सबसे लंबे समय तक विधायक रहने का रिकॉर्ड है। 2006, 2011 और 2016 के विधानसभा चुनाव में मणि ने कप्पन को पटखनी दी थी।
नतीजों के बाद केरल कांग्रेस (एम) के वरिष्ठ नेता जोस के मणि ने पत्रकारों से कहा, ''हम लोगों के जनादेश को स्वीकार करते हैं। हम हार के कारणों का पता लगाएंगे। केरल कांग्रेस और यूडीएफ अपनी गलतियों को सुधारेंगे और फिर से लोगों का विश्वास जीतेंगे। राजनीति का मतलब हार से डरना और जीत में आत्मविश्वास का दिखावा करना नहीं है। बीजेपी के वोट कहां चले गए? उसके वोट निश्चित ही एलडीएफ में गए। यूडीएफ एकजुट है। कांग्रेस ने हमें पूरा समर्थन दिया है।''