केरल उच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार की यात्रा पाबंदियों में हस्तक्षेप करने से इंकार किया
By भाषा | Updated: September 28, 2021 17:21 IST2021-09-28T17:21:30+5:302021-09-28T17:21:30+5:30

केरल उच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार की यात्रा पाबंदियों में हस्तक्षेप करने से इंकार किया
कोच्चि, 28 सितंबर केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दो याचिकाएं खारिज कर दीं जिनमें कर्नाटक सरकार के इस निर्णय को चुनौती दी गई थी कि कासरगोड और मंगलुरू सीमा से केरल के वही लोग कर्नाटक में प्रवेश कर सकेंगे, जिनके पास नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट होगी। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार के पास इस तरह के निर्देश जारी करने की शक्तियां हैं।
उच्च न्यायालय ने कहा कि यह स्वीकार्य तथ्य है कि केरल से कर्नाटक के लिए सड़क जाम नहीं किया गया है और राज्य के अंदर नेगेटिव आरटी-पीसीआर प्रमाण पत्र जैसी पाबंदियां केरल में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लगाई गई हैं।
मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी. चाले की पीठ ने कहा, ‘‘इसलिए केंद्र सरकार की तरफ से जारी दिशानिर्देशों के तहत यह स्पष्ट है कि इस तरह की किसी भी परिस्थिति में राज्यों को उचित पाबंदियां लगाने की शक्ति है, ताकि महामारी से लड़ा जा सके।’’
पीठ ने कहा, ‘‘इसलिए कर्नाटक सरकार के पास केंद्र सरकार की तरफ से जारी विभिन्न दिशानिर्देशों के मुताबिक आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के प्रावधानों के तहत सर्कुलर, आदेश या दिशानिर्देश जारी करने की शक्तियां हैं।’’
इसके साथ ही पीठ ने दोनों याचिकाएं खारिज कर दीं। एक याचिका मंजेश्वर से आईयूएमएल के विधायक ए. के. एम. अशरफ ने दायर की थी और दूसरी याचिका राष्ट्रकवि मंजेश्वर गोविंद पई स्मारक समिति के सचिव जयनंद के. आर. ने दायर की थी।
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