केरल सरकार ने सबरीमला तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कार्ययोजना पेश की

By भाषा | Updated: November 11, 2020 19:08 IST2020-11-11T19:08:31+5:302020-11-11T19:08:31+5:30

Kerala government presents action plan for better health services for Sabarimala pilgrims | केरल सरकार ने सबरीमला तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कार्ययोजना पेश की

केरल सरकार ने सबरीमला तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कार्ययोजना पेश की

तिरूवनंतपुरम (केरल), 11 नवंबर केरल सरकार ने 16 नवंबर से शुरू हो रहे दो महीने के मंडाला मकरविल्लाकु के लिए खुल रहे सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को एक बहुपक्षीय कार्ययोजना पेश की।

सबरीमला तीर्थाटन इस बार कड़े कोविड-19 दिशानिर्देशों के बीच हो रहा है । यह मंदिर पथनमथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट के सरंक्षित वनक्षेत्र में है जहां हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।

प्रशासन इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए ट्रैकिंग के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा मानक नियमों के सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पहले ही परामर्श जारी कर चुका है।

स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 की वर्तमान महामारी की दशा को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनायी है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से सख्ती से सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की।

इस कार्ययोजना के तहत सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का ब्योरा देते हुए शैलजा ने बताया कि राज्य की स्वास्थ्य एजेंसी ने सबरीमला श्रद्धालुओं का विशेष उपचार एवं देखभाल सुनिश्चित करने के लिए पथमनथिट्टा में 48 सरकारी एवं 24 निजी अस्पतलों तथा कोट्टायम में 27 अस्पतालों का पैनल बनाया है।

उन्होंने कहा कि सबरीमला के विभिन्न केंद्रों पर विशेषज्ञ डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के 1000 कर्मियों, कोविड ब्रिगेड की सेवा सुनिश्चित की जाएगी ।

उन्होंने बताया कि आधार शिविर पंपा से लेकर मंदिर परिसर सन्निधाम तक यात्रियों के संभावित बेचैनी, सीने में दर्द जैसी परेशानियों के निदान के लिए कई आपात उपचार केंद्र बनाये गये हैं।

चूंकि देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक कार्यक्रम और तीर्थाटन इस वायरस के प्रसार के लिए उपयुक्त स्थल साबित हुए हैं इसलिए वाम सरकार बिल्कुल चौकन्नी है और कोई कसर नहीं छोड़ रही है क्योंकि इस दौरान लाखों श्रद्धालु राज्य में पहुंचते हैं।

छह महीने तक बंद रहने के बाद इस मंदिर को पिछले महीने मासिक पूजा के लिए पांच दिनों के वास्ते श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था।

परामर्श के अनुसार कम हवा वाली जगह पर एक दूसरे के करीब आना, भीड़ करना आदि से बचाना होगा तथा सुरक्षित तीर्थाटन के लिए रोजाना तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित रखने की जरूरत है।

सरकार ने रोजाना 1000 श्रद्धालुओं को प्रार्थना एवं पूजा-पाठ करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। तीर्थयात्रियों को बार बार हाथ धोना होगा, एक दूसरे से दूरी बनाकर रखनी होगा, मास्क लगाना होगा और साथ में सेनेटाइजर लेकर चलना होगा।

परामर्श के अनुसार यहां नीलक्कल शिविर पर पहुंचने से पहले सभी यात्रियों के पास कोविड-19 जांच का प्रमाणपत्र होना चाहिए और यह जांच बस 24 घंटे पहले करायी गयी हो।

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Web Title: Kerala government presents action plan for better health services for Sabarimala pilgrims

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